निर्भया मामले में पूर्ण न्याय अभी भी बाकि: स्वराज इंडिया
दिल्ली! उच्चतम न्यायालय ने निर्भया मामले के चार दोषियों को हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फांसी की सज़ा को बरक़रार रखा है। इस फैसले से शोकाकुल परिवार को ज़रूर न्याय मिलेगा और साथ ही अपराधियों को यह संदेश जाएगा कि कानून की पहुँच से कोई भी बाहर नहीं है।
निर्भया मामला सिर्फ़ एक महिला, एक परिवार का मामला नहीं था। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने पूरे देश को हिला के रख दिया था। जिस बर्बरता से इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया गया था, ये मामला हर हाल में रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में आता है। कोई भी फैसला उस माँ, पिताजी और परिवार के दर्द पर मरहम नहीं लगा सकता। लेकिन इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति विश्वास और अपराधियों में कानून के प्रति भय का संदेश जाएगा।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले मात्र से आज संतोष कर लेना नाकाफ़ी होगा। निर्भया मामले के बाद देश भर में फूटे गुस्से और आंदोलन का ही नतीजा था कि सरकारों और पार्टियों को कई घोषणाएं करनी पड़ी थी। केंद्र सरकार ने निर्भया फंड का गठन तो किया लेकिन पहले यूपीए सरकार और फिर बीजेपी सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए बने इस फंड का मज़ाक बना दिया।
इसी आंदोलन से निकलकर आम पार्टी ने भी दिल्ली में महिला सुरक्षा को एक बड़ा मुद्दा बनाया और चुनाव से पहले कई वादे किए। आज दिल्ली में उसी आम पार्टी की सरकार है लेकिन दो साल से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद भी उन वादों पर कोई सार्थक काम नहीं हुआ है।
सबसे चिंताजनक बात तो ये है कि जस्टिस जे एस वर्मा समिति के सिफारिशों को आज तक लागू नहीं किया गया है। महिला सुरक्षा के सवाल पर जस्टिस वर्मा समिति ने कई दूरगामी संस्थागत सुझाव दिए जिसपर अब तक अमल नही किया गया है।
स्वराज इंडिया महिला सुरक्षा को एक अत्यंत गंभीर मुद्दा मानता है। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए स्वराज इंडिया प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सार्थक परिणाम लाने के लिए मजबूती से संघर्ष करता रहेगा।