5 घंटे तक एंबुलेंस में तड़पते रहे कोरोना मरीज अस्पताल का नहीं खुला गेट
नई दिल्ली । कोरोना संक्रमित मरीजों को लेकर गई एंबुलेंस को रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल ने बाहर निकाल दिया और गेट पर ताला बंद कर दिया। करीब 5 घंटे तक हंगामा चला, संक्रमितों के परिजन हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे लेकिन अस्पताल का स्टाफ नहीं पसीजा। गेट नहीं खुला तो आखिरकार संक्रमितों, एंबुलेंस स्टाफ ने पुलिस बुलाई। पुलिस के पहुंचने पर काफी मशक्कत के बाद आखिरकार संक्रमितों को भर्ती किया गया। दोनों संक्रमितों की हालत गंभीर बनी हुई है। फतेहगंज के रहने वाले मनोज शर्मा की हालत बिगड़ने पर उनको परिजन जिला अस्पताल ले आए। कोरोना संक्रमित होने की वजह से उनको तत्काल डॉक्टर ने रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। सरकारी एंबुलेंस मनोज शर्मा को लेकर रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज पहुंची। वहां मौजूद गार्ड को बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीज गंभीर हालत में है और उसे भर्ती करना है। उसी बीच 300 बेड कोविड अस्पताल से कोरोना संक्रमित महिला को लेकर दूसरी सरकारी एंबुलेंस भी वहां पहुंच गई।
अस्पताल के गार्ड ने उनको एंबुलेंस गेट से बाहर खड़ी करने को कहा। जैसे ही दोनों एंबुलेंस गेट से बाहर हुईं, स्टाफ ने अंदर से ताला जड़ दिया। साफ कह दिया कि गेट नहीं खुलेगा और मरीजों को भर्ती नहीं करेंगे। अस्पताल का वार्ड फुल है। संक्रमितों के लिए बेड ही नहीं है। एंबुलेंस स्टाफ ने इसका विरोध किया और रेफर संक्रमित की गंभीर हालत का हवाला देते हुए भर्ती करने का अनुरोध किया। जब मरीजों को भर्ती नहीं किया गया तो हंगामा होने लगा। कई एंबुलेंस कर्मचारी वहां और आ गए। अस्पताल के स्टाफ को गेट खोलने को कहा। पूरे पांच घंटे तक हंगामा चला, इस बीच संक्रमित मरीज एंबुलेंस में आक्सीजन पर रहा। परिजन बेहाल होते रहे। सूचना मिलने पर बारादरी पुलिस मौके पर पहुंची और रात करीब दो बजे दोनों संक्रमितों को भर्ती कराया। रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज में मरीज अधिक भर्ती हैं और इसी वजह से एंबुलेंस से गए संक्रमितों को भर्ती करने में परेशानी हो रही थी। बाद में मरीजों को भर्ती कराया गया है।