दिल्ली के विवि में पढ़ने का सपना देखें यूरोप और अमेरिका के बच्चे: सिसोदिया
नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार का विजन है कि हमारी यूनिवर्सिटीज इस स्तर की हों कि यूरोप और अमेरिका के बच्चे दिल्ली की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने का सपना देखें। ठीक वैसे ही जैसे आज हमारे देश के बच्चे अमेरिका के हार्वर्ड में पढ़ने का सपना देखते हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बातें दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के आठवें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार देश में अकेली सरकार है जो पूरे बजट का 25 फीसदी शिक्षा पर खर्च करती है।
सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली के स्कूल और यूनिवर्सिटी दुनिया के शैक्षणिक संस्थानों की टॉप रैंकिंग में शामिल हों। क्योंकि जब हमारी यूनिवर्सिटी का स्तर ऊंचा होगा तभी देश भी विकास की ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। यह तभी हो पाएगा जब हमारी यूनिवर्सिटी रिसर्च पर फोकस करे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया भर में खूब रिसर्च हो रहे हैं। मुझे डीटीयू से अपेक्षा है कि वो दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के उपायों पर रिसर्च करे। ताकि यहां के लोगों का जीवन बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि डीटीयू ने दिल्ली और देश के विकास में अहम भूमिका निभाई है। साथ ही सरकार के साथ मिलकर अपने सामाजिक दायित्वों को बखूबी निभाया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में शुरु किए गए देश के मेंटर कार्यक्रम की सफलता में डीटीयू की और यहां के छात्रों की बड़ी भूमिका रही है।
मेरी अपेक्षा है कि यहां से पढ़ाई कर निकल रहे छात्र अपने स्किल का उपयोग कुछ नया बनाने में और देश के विकास में करें। उपमुख्यमंत्री ने कहा दुनिया के विकास के इतिहास को देश की यूनिवर्सिटी के इतिहास के हिसाब से लिखा जाना चाहिए। दुनिया के विकसित देशों की अर्थव्यवस्था को ऊंचाई तक ले जाने में वहां की यूनिवर्सिटी की क्या भूमिका है, इसे देखने को जरूरत है। इजराइल छोटा देश है लेकिन अपनी यूनिवर्सिटी के दम पर अपने देश को इस ऊंचाई पर ला खड़ा किया है।
इजराइल के एजुकेशन सिस्टम में इस बात पर फोकस किया जाता है कि बच्चों में एक्सट्रीम सेल्फ कॉन्फिडेंस होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी हम इस मामले में बहुत पीछे हैं। आज डीटीयू से पढ़ाई कर निकले विजय शेखर शर्मा पेटीएम की स्थापना करते हैं। लेकिन ऐसे छात्रों की संख्या गिनती की है। क्या हम हर बच्चे को इस तरह से सोचने के लिए तैयार कर पा रहे हैं? उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसा नहीं कर पा रहे हैं। हम अपने बच्चों को नौकरी के लिए तैयार कर रहे हैं।
हम अपने बच्चों को पढ़ाते हैं, अमेरिका के लिए तैयार करते हैं। हमारा बच्चा अमेरिका की कंपनी को चलाता है। इसे बदलना होगा। हमें हर बच्चे के अंदर ये कॉन्फिडेंस पैदा करना होगा। यूनिवर्सिटी को अपने छात्रों के अंदर रिस्क लेने की क्षमता डेवलप करनी होगी। तभी जाकर हम देश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा पाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डीटीयू इस भूमिका को निभाए। रिसर्च पर फोकस करे। दिल्ली के प्रदूषण की समस्या को खत्म करने की दिशा में रिसर्च करे। डीटीयू हमेशा सरकार के हर कार्यक्रम में एक सहयोगी की भूमिका में रही है। देश के मेंटर कार्यक्रम में डीटीयू ने जिस तरह से सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर काम किया है वो प्रशंसनीय है। सरकार के देश के मेंटर कार्यक्रम को डीटीयू ने सफल बनाया। आज 32 हजार युवा, एक लाख वैसे बच्चों को मेंटर कर रहे हैं जिनके पास गाइड करने के लिए कोई सपोर्ट सिस्टम नहीं था।