कांग्रेस पार्टी मकान के अधिकार की मांग करती है, न कि किराऐ के घर की बात: अनिल कुमार

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नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने केन्द्र सरकार द्वारा ड्राफ्ट फाईनल मास्टर प्लान 2041 के लिए मांगे गए सुझावों पर प्रदेश कांग्रेस द्वारा गठित कमेटी ने दिल्ली के लोगों के बेहतर कल्याण और भविष्य की योजनाओं और प्रस्तावित मास्टर प्लान की कमियों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके केन्द्रीय शहरी आवास एवं शहरी मामलें के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के उपराज्यपाल को दी। 16 सदस्यीय कमेटी के चैयरमेन डा0 नरेन्द्र नाथ ने दिल्ली के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई बैठके करने के बाद रिपोर्ट तैयार की। प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आज प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ कमेटी के चैयरमेन डा0 नरेन्द्र नाथ, सदस्य हरी शंकर गुप्ता और विजय सिंह लोचव भी मौजूद थे। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि ड्राफ्ट फाईनल मास्टर प्लान 2041 की कमेटी द्वारा समीक्षा करने के पश्चात इसमें जो कमियां है उससे संबधित सुझाव केन्द्र सरकार को दिए है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान 2041 के लगभग 1500 पेज के ड्राफ्ट को 2-3 वर्षों में तैयार किया हो उसके लिए दिल्लीवालों से सुझाव मांगने का समय एक महीना रखकर सरकार ने केवल औपचारिकता को पूरा किया है। सुझाव मांगे जाने के कुछ दिन पहले ही बेसलाई सर्वे को रिलीज किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली की जनसंख्या 2.30 करोड़ है जबकि 2041 में यह बढ़कर 3 करोड़ हो जाएगी, तो केन्द्र सरकार को दिल्लीवासियों के लिए योजनाओं को बढ़ती जनसंख्या के हिसाब से तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के ‘‘मकान के अधिकार’’ की जगह केन्द्र सरकार दिल्ली में गरीबों के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा 45000 तैयार मकानों को ‘‘किराए पर’’ देने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों, जे.जे. कलस्टरों/कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमियां को उजागर करके हमने सुझाव दिए हैं। 44 पुनर्वास कॉलोनियों के लोगों को मालिकाना हक देने का भी प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि राजधानी में लैंड पूलिंग को लागू किया जाए। उन्हांने कहा कि संगम विहार में 7-8 लाख लोग रहते है जबकि ड्राफ्ट फाईनल मास्टर प्लान 2041 में इस क्षेत्र को रिज़ फॉरेस्ट लैंड में शामिल किया है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि गांवां में शहरीकरण और जमीन अधिकरण के चलते दिल्ली में गांवों का स्वरुप ही खत्म हो गया है जबकि यहां सुविधाओं के लिए स्कूल, बैंक, बारात घर, डिस्पेंसरी व अन्य सुविधाओं को गांवों में या नजदीक प्रावधान हो और गांवों की कमियों को ध्यान में रखते हुए गांवों को विशेष दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गांवां की स्थिति बदतर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या के चलते यमुना के किनारे झील बनानी चाहिए ताकि जल संग्रह करके हर घर तक पानी पहुॅचाया जा सके, क्योंकि दिल्ली पानी के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है। मानसून में जल भराव से मुक्ति के लिए नया ड्रेनेज सिस्टम होना चाहिए ताकि जलभराव के कारण यातायात जाम से मुक्ति मिल सके। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक विकास तथा उनकी सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखते हुए काम होना चाहिए, क्योंकि दिल्ली में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय आदि पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में परिवहन और प्रदूषण की बड़ी समस्या है जिस पर सुझाव प्राप्त हुए है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मिक्स लैंड यूज के लिए सड़कों का हर पांच वर्षों में सर्वें कर नोटिफाई किया जाना चाहिए।

कमेटी के चैयरमेन डा0 नरेन्द्र नाथ ने कहा कि पूरी दिल्ली से प्राप्त सुझाव और शिकायतों के मद्दे नजर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के मार्गदर्शन में मास्टर प्लान 2041 में आर.डब्लू.ए., एन.जी.ओ. एक्पर्ट और दिल्ली नागरिकों के सुझाव और आपत्तियों पर रिपोर्ट तैयार की है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दिल्ली के गरीब, मध्यम वर्ग, जेजे कलस्टर,/कालोनियों, पुनर्वास कालोनियों, अनाधिकृत कालोनियों में रहने वाले 70 प्रतिशत लोगों को ध्यान में रखकर सुझाव तैयार किए है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल की कमी और जल भराव जैसी की विकट समस्याओं सहित महिला सुरक्षा, प्रदूषण, परिवहन, रेहड़ी पटरी, स्ट्रीट वेंडर सहित गांवों में सुविधाओं की कमियों को उजागर करके गांवों को विशेष दर्जा दिए जाने का सुझाव भी केन्द्र सरकार को भेजा है।

विजय सिंह लोचव ने कहा कि दिल्ली में 365 गांव है और अधिकतर की जमीन अधिकृत करने के बाद वंसत कुंज, रोहिणी, साकेत जैसी पॉश कालोनियां बसाई गई तथा गांवों की सुविधाओं में कोई सुधार नही हुआ। उन्होंने कहा कि दिल्ली के 200 गांवों में अभी तक सीवर नही है जबकि अधिकतर गांव आज भी ट्यूबवेल के पानी पर ही निर्भर है और यमुना पार के 45 गांवों का स्वरुप ही खत्म हो चुका है। उन्होंने कहा कि धारा 507 के अन्तर्गत शहरीकृत गांवों में ग्राम सभा की जमीन केन्द्र सरकार ने अधिकृत किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि गांवों के बेरोजगारों के लिए रोजगार मुहैया कराने लिए मार्केट व शॉपिंग कॉम्पलेक्स बनाए जाऐ। उन्होंने कहा कि राजधानी का बिल्डिंग बाय-लॉज़ गांव पर लागू नही हो सकता इसलिए अलग प्रावधान लाकर गांवों के निवासियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए गांवों को विशेष दर्जा दिया जाए। हरी शंकर गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में बढ़ती आबादी और जमीन की कमी के कारण कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने जे.जे. कलस्टर के गरीब लोगों के लिए इन-सीटू योजना के तहत बहुमंजिला ईमारतों के जरिए जहां झुग्गी वहीं मकान के तर्ज पर मकान बनाने की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सैंकड़ों जेजे कलस्टरों में सिर्फ 3 परियोजनाओं पर 10हजार फ्लेट बनाने का काम कांग्रेस के समय काम शुरु हुआ। उन्होंने गरीब लोगों की रोजी-रोटी कमाने के लिए सरकार नजदीक रोजगार के प्रंबध करे तथा 350 स्क्वेयर फीट का फ्लैट बनाया जाए। उन्होंने कहा कि किराए का मकान का प्रावधान करके केन्द्र और केजरीवाल गरीबों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान एक विजन डाक्यूमेंट है जिसमें जनसंख्या अनुपात पर जनता को सुविधाऐं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार पिछले 7 वर्षों से दिल्लीवालों के हितों की अनदेखी कर रही है और जनता महसूस कर रही है दिल्ली का विकास रुक गया है।