जयपुर गोल्डन में ऑक्सीजन की कमी से मौत की सीबीआई जांच की मांग
नई दिल्ली। जयपुर गोल्डन अस्पताल में 23-24 अप्रैल की रात हुई 21 कोरोना संक्रमितों की मौत मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को केंद्र व दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने मृतकों के परिजनों की ओर से दाखिल याचिका पर यह आदेश दिया है। याचिका में दिल्ली सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ कमेटी की उस रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया है जिसमें कहा कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई। जस्टिस रेखा पल्ली ने गुरुवार को मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने को कहा है।
मामले में जयपुर गोल्डन अस्पताल को भी पक्ष रखने के लिए कहा गया है। उन्होंने सभी पक्षों को मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त से पहले जवाब देने को कहा है। अस्पताल में मारे गए 8 मृतकों के परिजनों ने वकील उत्सव भसीन के माध्यम से याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने के कारण दम घुटने से हुई है, न कि पहले से अन्य बीमारियों से पीड़ित होने के कारण जैसा कि कमेटी की एक रिपोर्ट में कहा गया है।
वकील भसीन ने याचिका में कमेटी की रिपोर्ट को रद्द करने और मामले की सीबीआई या किसी निष्पक्ष जांच एजेंसी द्वारा सभी मौतों की जांच का आदेश देने की मांग की है ताकि सच्चाई सबके सामने लाया जा सके। उन्होंने मृत व्यक्तियों और उनके परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग की है।
याचिका में कहा कि 21 मरीजों की मौत केंद्र व दिल्ली सरकार और अस्पताल की विफलता की वजह से हुई है जिसने ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की। याचिका में कहा जबकि अस्पताल जानते थे कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हो सकती है, बावजूद इसके समय रहते ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की।
इस मामले की जांच के लिए दिल्ली सरकार ने विशेषज्ञों की कमेटी बनाई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उक्त मरीजों की जान ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई बल्कि पहले से उन मरीजों के गंभीर बीमारियां होने और स्थिति खराब होने के चलते हुई।