बच्चों को शीघ्र वित्तीय सहायता के लिए जिला इकाइयां राजस्व विभाग के साथ मिल कर काम करें
नई दिल्ली। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसाइटी गवर्निंग बॉडी के साथ बैठक की अध्यक्षता की। मंत्री ने कहा कि कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को शीघ्र वित्तीय सहायता दिलाने के लिए जिला इकाइयां राजस्व विभाग के साथ मिल कर काम करें। कोरोना महामारी में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, हमारा फर्ज बनता है कि हम उन बच्चों की सहायता करें। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 के दौरान बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए जिला इकाइयों की ओर से किए गए कार्यों की सराहना की।
इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव मधु के. गर्ग और निदेशक डॉ. रश्मि सिंह ने राज्य एवं जिला स्तर पर स्थापित बाल संरक्षण इकाइयों के माध्यम से किए गए कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। जिला बाल संरक्षण इकाइयां कोविड-19 महामारी के दौरान प्रभावित बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास का कार्य कर रही हैं। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने जिला इकाइयों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।
उन्होंने महामारी के दौरान अधिकारियों को उनके प्रदर्शन के लिए मान्यता देने के लिए एक प्रशंसा प्रणाली शुरू करने के लिए शासी निकाय को सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि ज़िला इकाइयों के अफसरों ने जिस तरह अपनी भूमिका निभाई है, उसकी मैं बहुत सराहना करता हूं। कोविड-19 की इस महामारी में कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है और अब हमारा फर्ज बनता है कि हम उन बच्चों की सहायता करें। ऐसे अफसरों के कार्य को पुरस्कृत करने की आवश्यकता है।
मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने जिला इकाइयों को राजस्व विभाग के साथ काम मिलकर करने का सुझाव दिया, जिससे जिन बच्चों ने दुर्भाग्य से अपने माता-पिता को खो दिया है, उनको ‘मुख्यमंत्री कोविड-19 परिवार आर्थिक सहायता योजना’ के तहत वित्तीय सहायता जल्द से जल्द मिल सके। इस दौरान रिकॉर्ड समय में डीसीपीयू के माध्यम से बच्चों तक पहुंचने के विभाग के प्रयासों की सराहना की गई और इस बात का समर्थन किया गया कि ऐसे बच्चों को व्यापक रूप से मदद करने के लिए संसाधनों को और बढ़ाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भी मंत्री को एक नई पहल से अवगत कराया। ‘पालन’ नाम की इस पहल के ज़रिए विभाग सीएसआर पार्टनर्स को उन बच्चों की मदद करने के लिए आगे आने का मौका देगा, जो कोविड-19 महामारी की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए।