गर्मियों में हर जगह हो सकता है पेयजल संकट: राघव चड्ढा
नई दिल्ली। दिल्लीवालों को इस बार गर्मियों में पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने गुरुवार को बताया कि दिल्ली में गर्मी में पानी की खपत बढ़ जाती है, लेकिन केंद्र सरकार नांगल हाइडल चैनल को बंद कर ब्यास नदी के पानी को एक महीने के लिए रोकने जा रही है।
दिल्ली में प्रतिदिन 232 मिलियन गैलन पानी की कमी हो जाएगी, जो दिल्ली की जल आपूर्ति का 25% हिस्सा है। चड्ढा ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) को चिट्ठी लिखकर कहा है कि ऐसे समय में पानी को मत रोकें जिस समय दिल्ली में गर्मियां दस्तक दे चुकी होगी। उन्होंने कहा कि हम जल शक्ति मंत्री से भी कहना चाहते हैं कि वो इस समस्या पर सभी स्टेक होल्डर्स की एक मीटिंग बुलाएं।
मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग 1981 और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय 10 मई 2020 के कानूनी दस्तावेजों में लिखा गया है कि दिल्ली को प्रतिदिन 232 मिलियन गैलन पानी जल आपूर्ति के लिए मिलना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार की शाखा बीबीएमबी इसे रोकने जा रही है, जिससे दिल्ली में पानी का गंभीर संकट पैदा हो सकता है।
राघव चड्ढा ने कहा कि अगर दिल्ली में पानी की कटौती होती है तो राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास, दूतावास, कोर्ट में भी पानी की समस्या हो सकती है। इससे दिल्ली में बड़ा जल संकट पैदा हो सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अपना कोई वाटर बॉडी नहीं है। दिल्ली को 4 स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता है, जिनमें – यमुना का पानी, गंगा का पानी, रावी व्यास का पानी, ग्राउंड का पानी शामिल है। इसमें से एक सोर्स व्यास नदी का पानी। दिल्ली की कुल सप्लाई का 25 फीसदी होता है।
केंद्र सरकार व्यास नदी का पानी 1 महीने के लिए बंद करने जा रही है। अगर केंद्र सरकार नांगल हाइडल चैनल को बंद करती है तो दिल्ली में 25 फीसदी पानी की कमी हो जाएगी। राघव ने बताया कि हमें 12 फरवरी को एक चिठ्टी मिली है जिसमें 25 मार्च से 24 अप्रैल तक नांगल हाइडल बंद करने की बात कही गई है। इससे 232 एमजीडी पानी की कमी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि गर्मी में अगर पानी की सप्लाई बंद हो जाएगी तो दिल्ली में बड़ा जल संकट खड़ा हो सकता है। लॉ एंड ऑर्डर की समस्या हो सकती है।