कोरोना योद्धा दीपचंद के परिवार को 1 करोड़ रु की सहायता राशि का चैक सौंपा

Satendra Jain

We have vaccination capacity, but not getting enough vaccine: Minister Satyendar Jain

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कर्तव्य निभाते हुए कोविड-19 से जान गंवाने वाले दीपचंद के परिवार को 1 करोड़ रुपये का चैक सौंपा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय दीपचंद ऐसे कोरोना योद्धा थे जिन्होंने दूसरों की जान बचाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया है। दिल्ली सरकार इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़ी है। दिवंगत दीप चंद कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे थे। हम उनके बलिदान के ऋणी हैं। दिल्ली सरकार कोरोना से लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के परिवारों को लगातार वित्तीय सहायता दे रही है।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को स्वर्गीय दीप चंद के परिवार से मुलाकात की। सत्येंद्र जैन ने परिवार से मुलाकात कर अपनी शोक और संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि भी भेंट की। दीप चंद कोविड वार्ड में कार्यरत थे। जहां पर अपनी जान की परवाह न करते हुए उन्होंने कई लोगों की जान बचाई। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि इस कठिन समय में हम परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय दीप चंद एक ऐसे कोरोना योद्धा थे, जिन्होंने दूसरों को बचाते हुए अपनी जान गंवाई है। इस कठिन समय में दिल्ली सरकार परिवार के साथ खड़ी है।

सत्येंद्र जैन ने कहा कि स्वर्गीय दीप चंद कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे थे। दिल्ली सरकार द्वारा परिवार को ₹1 करोड़ का चैक दिया गया है। हम उनके बलिदान के ऋणी हैं। वह एक ऐसे कोरोना योद्धा थे जिन्होंने दूसरों की जान बचाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। दिल्ली सरकार इस कठिन समय में परिवार के साथ खड़ी है। दीप चंद केवल 48 वर्ष के थे जब वे कोविड-19 के कारण इस दुनिया से चले गए। दीप चंद के परिवार में उनके माता-पिता के साथ-साथ पत्नी और दो बच्चे हैं।

कोरोना संक्रमण होने का खतरा फ्रंटलाइन वर्कर्स को सबसे अधिक है क्योंकि वे कोरोना मरीजों के करीब रहते हैं। पिछले साल दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि वह उन सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी जिनकी मृत्यु ड्यूटी के दौरान कोविड से संक्रमित होने की वजह से हुई है। तब से अब तक कई फ्रंटलाइन वर्कर्स के परिवारों को दिल्ली सरकार द्वारा 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जा चुकी है।