हमारा प्रयास स्कूलों से निकलने वाले प्रत्येक बच्चे एंटरप्रेन्योर माइंडसेट से करे अर्थव्यवस्था में योगदान
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत दिल्ली सरकार के स्कूल के छात्रों को सीड-मनी देकर शुरू किए गए पायलट प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस पायलट प्रोजेक्ट में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के 41 छात्रों को दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे 11 छात्रों द्वारा मेंटर किया जा रहा है।
प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक छात्र को दी गई 1000 रुपये की सीड-मनी का उपयोग कर 7 प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग के साथ-साथ उसका क्रियान्वयन भी किया गया। उपमुख्यमंत्री ने एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और सीड-मनी प्रोजेक्ट पर चर्चा करते हुए, कहा, “अपने विद्यार्थियों में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट का विकास करने के लिए 2019 में एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम लॉन्च किया गया, ताकि विद्यार्थी नौकरी खोजने के बजाय खुद नौकरी देने वाले बन सकें और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकें।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “हमारे जिन बच्चों को ये सीड-मनी मिली है, उन्होंने एंटरप्रेन्योरशिप के आइडियाज को बेहतर ढंग से समझने का काम किया है, लेकिन डीटीयू के हमारे मेंटर्स ने छात्रों के प्रोजेक्ट्स को स्ट्रीमलाइन करने और उनका आत्मविश्वास बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने बताया कि हमारे छात्रों और उनके मेंटर्स द्वारा 9 प्रोजेक्ट्स पर काम किया गया है और यह गर्व की बात है कि इन सभी प्रोजेक्ट्स ने मुनाफा कमाया है।
इस पायलट में ‘डिवाइन क्रिएशन’ नामक प्रोजेक्ट ने मधुबनी पेंटिंग बेचकर 3100 रुपये का मुनाफा कमाया। इसी तरह के एक प्रोजेक्ट ‘मोबीक्रिएशन’ जिसमें 8 विद्यार्थी शामिल थे, ने 3500-3500 रुपये में 2 पुराने मोबाइल फ़ोन बेचकर 570 रुपये का लाभ कमाया। हमारे बच्चे बेहतरीन काम कर रहे हैं और हमारे मेंटर्स की टीम प्रोजेक्ट स्वीकृत होने के बाद दो स्तरों आइडियाज को समझने और उसके कार्यान्वयन करने पर बच्चों का मार्गदर्शन कर रही है।