केजरीवाल सरकार ‘प्रीकॉस्ट बिल्डिंग मटेरियल’ तकनीक से बनाएगी 7 नए अस्पताल

नई दिल्ली। दिल्ली के स्वास्थ्य एवं लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में मंत्री सत्येंद्र जैन ने केजरीवाल सरकार द्वारा बनाए जा रहे 7 नए अस्पतालों पर विस्तार से चर्चा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इन 7 अस्पतालों का निर्माण सरिता विहार, शालीमार बाग, सुल्तानपुरी, किराड़ी, रघुबीर नगर, जीटीबी अस्पताल परिसर और चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मन्त्री सत्येंद्र जैन ने इन 7 नए अस्पतालों के निर्माण की प्रक्रिया के मानकों को निर्धारित किया और कहा कि केजरीवाल सरकार जिन सैट नए अस्पतालों का निर्माण कर रही है, वे ऊर्जा व पर्यावरण के प्रति अनुकूल होने के साथ-साथ ‘प्रीकास्ट बिल्डिंग मैटेरियल’ तकनीक से बनाए जाएंगे। सभी 7 अस्पताल पूरी तरह से मॉड्यूलर होंगे।

सत्येंद्र जैन ने यह भी कहा कि सभी स्टील और कंक्रीट की संरचनाओं का निर्माण कारखानों में ही किया जाएगा और उन्हें निर्माण स्थल पर लाकर लगाया जाएगा, जिससे निर्माण की गति में तेज़ी आएगी। सत्येंद्र जैन ने कहा कि इन अस्पतालों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाले इन-हाउस ग्रीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाए जाएंगे।

करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में सत्येंद्र जैन ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा बनाए जा रहे 7 नए अस्पतालों के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया और अधिकारियों को कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि छह माह में इन 7 अस्पतालों के निर्माण का लक्ष्य हासिल किया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को निर्माण के आधुनिक तरीके अपनाने के भी निर्देश दिए, ताकि इस कार्य को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा किया जा सके।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, “आज पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के साथ बैठक की और केजरीवाल सरकार द्वारा राजधानी में बनाए जा रहे 7 नए अस्पतालों के कार्यों की प्रगति का जायजा लिया। अधिकारियों को निर्माण के आधुनिक तरीकों का उपयोग करने के निर्देश दिए ताकि गुणवत्ता पूर्ण काम रिकॉर्ड समय में पूरा हो सके। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि अधिकारियों को कार्य समय पर पूरा करने के लिए तीव्र गति से काम करना होगा।

इसके लिए अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों का उपयोग करना चाहिए। सभी सातों नए अस्पताल ‘प्रीकास्ट बिल्डिंग मैटेरियल’ के साथ बनाए जाएंगे। ऐसे ‘प्रीकास्ट बिल्डिंग मैटेरियल’ मजबूत होते हैं और बहुत समय बचाते हैं। ‘प्रीकास्ट बिल्डिंग मैटेरियल’ कंक्रीट के ब्लॉक होते हैं, जिन्हें कारखानों में पहले से बनाया जाता है और फिर निर्माण स्थल पर लाया जाता है, जहां उन्हें अंतिम रूप दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि सभी स्टील की संरचनाओं का निर्माण कारखानों में किया जाएगा और निर्माण स्थल पर केवल असेंबलिंग के लिए ही लाया जाएगा (ठीक ‘प्रीकास्ट बिल्डिंग मैटेरियल’ की तरह)। इससे निर्माण की गति में वृद्धि होगी, जिससे समय पर काम पूरा हो सकेगा। ये सभी अस्पताल पूरी तरह से मॉड्यूलर होंगे।

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को अस्पतालों में ग्रीन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये एसटीपी किसी भी दुर्गंध से रहित होंगे और काम करने के लिए बहुत कम उर्जा का इस्तेमाल करेंगे। सभी 7 नए अस्पतालों में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) के साथ इन-हाउस एसटीपी होंगे। सभी अस्पताल 5 स्टार बिजली के उपकरणों से लैस होंगे। इन अस्पतालों में मरीजों के बेड से जुड़े कैमरे की भी व्यवस्था होगी।