MCD चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने

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नई दिल्ली। दिल्ली के नगर निगम चुनाव की तारीख नजदीक आते ही तमाम राजनीतिक पार्टियों वोटरों को लुभाने के लिए एक के बाद एक वादे कर रही हैं। बीजेपी नए चेहरों को लेकर के निगम में अच्छे शासन की बात कह रही है तो कांग्रेस अपने अनुभव को मुद्दा बना रही है। वहीं ‘आप’ पार्टी निगम चुनाव में हाउस टैक्स माफ करने के साथ किरायेदारों को कम दरों पर बिजली-पानी की सुविधा देने वादा कर रही है लेकिन बीजेपी ने केजरीवाल के इस वादे पर सवाल उठाया है।

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने केजरीवाल सरकार पर किरायेदारों पर ध्यान न देने का आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी सरकार को निगम चुनाव के पहले किरायेदारों की याद आई है। हरीश खुराना ने पूछा कि २ साल से दिल्ली की सत्ता में आप राज कर रही लेकिन किरायेदारों की याद आज आपको आई है? बिजली पानी का मुद्दा दिल्ली सरकार का है जो निगम निगम के अंदर नहीं है।

बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल का यह वादा महज चुनावी लॉलीपॉप है। पूरे मामले पर सफाई देते हुए आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पांडे ने कहा कि हम हाउस टैक्स माफ करने, किरायेदारों के लिए सुविधाओं की घोषणा के बाद कांग्रेस और बीजेपी के नेता बौखलाए हुए हैं। देश के अलग-अलग इलाकों से आने वाले लोग दिल्ली में किराए पर रहते हैं लेकिन उनको वह लाभ नहीं मिल पाता और इस बात को समझते हुए ही ‘आप’ पार्टी ने यह घोषणा की है।

आप नेता दिलीप पांडे ने कहा कि दिल्ली का बिल्डिंग डिपार्टमेंट नगर निगम के पास है। दिल्ली में बिल्डिंग का नक्शा एमसीडी तय करती है। हर इमारत में रहने वाले किरायेदारों के लिए बने कमरों के अलग नक्शे पर को लेकर पॉलिसी बनाने का अधिकार सिर्पâ नगर निगम को है। हर इमारत में अलग-अलग किरायेदारों के घर योजना के तहत परिभाषित किए गए हैं।

दिल्ली में सीमांत प्रदेशों के अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान समेत कई राज्यों से लाखों की तादात में लोग अलग-अलग इलाकों में किराए पर रहते हैं। ऐसे में इस बड़े वोट बैंक को साधने के लिए ‘आप’ पार्टी ने इस मुद्दे को निगम चुनाव के लिए हथियार बनाया है। पांडव नगर में किराए के मकान में रहने वाली अर्चना का कहना है की बिजली और पानी के लिए उन्हें वह वही भुगतान करना पड़ता है जो मकान मालिक की मांग होती है। मीटर

से कनेक्शन बडे होने की वजह से अर्चना और उनके मकान मालिक आए हुए बिल को आधा आधा बटवारा करते हैं। कुछ ऐसा ही कुछ ऐसी ही कहानी अर्चना की पडोसी स्वाति की है। बिजली और पानी का जो बिल मकान मालिक कह दे वही भरना पड़ता है।

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