उत्तर पू्र्वी दिल्ली में 1 महीने के लिए धारा-144 लागू
नई दिल्ली। उत्तर पू्र्वी दिल्ली में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन ने तब खतरनाक रूप ले लिया जब आगजनी और पत्थरबाजी के चलते कई लोग इसमें घायल हो गए व एक हेड कॉन्सटेबल की जान चली गई। दिल्ली दमकल विभाग ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) समर्थक और विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों से उसके पास मदद के लिए कुल 45 फोन कॉल आए।
दिल्ली दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, “आग लगने की सूचना के कुल 45 फोन कॉल आए, दमकल विभाग के एक वाहन पर पत्थरबाजी की गई और एक वाहन को पूरी तरह जला दिया गया। तीन दमकल कर्मी घायल हो गए।”उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में पिछले दो दिनों से प्रदर्शनकारियों के दो गुटों के बीच हिंसा चल रही है।
हिंसा फैलने के बाद मौजपुर और जाफराबाद जैसे हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में सोमवार को सीआरपीएफ की आठ कंपनियां तैनात कर दी गई थीं। दिल्ली में बगड़ते हालत को देखते हुए अर्द्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की है। इसके अलावा यहां पर स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, आर्थिक अपराध शाखा के पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है।
दिल्ली के अलग-अलग जिलों से स्थानीय पुलिस को भी बुला लिया गया है। हालात को देखते हुए दिल्ली के इस इलाके में एक महीने के लिए धारा-144 लगा दी गई है। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध और समर्थन को लेकर सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में चार जगहों पर हिंसा भड़क उठी। इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो गई।
हिंसा में डीसीपी, समेत 60 से ज्यादा घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर काबू पाने के लिए आपात बैठक बुलाई थी। फिलहाल दिल्ली के इन इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।