कोरोना से उपजी बेरोजगारी, नही की कोई तैयारी

नई दिल्ली। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्व में पूर्व विधायक आदर्श शास्त्री ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की नाकामियों,असफलताओं,अक्षमताओं और प्रशासनिक कमजोरियों को दिल्लीवासियों के सम्मुख उजागर किया।

आदर्श शास्त्री ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा चुनाव से पूर्व घोषणा पत्र में 5 वर्ष में 8 लाख युवाओं को रोजगार देने की भरपूर घोषणाओं के बावजूद 2015 से अगस्त 2020 तक दिल्ली सरकार के रोजगार निदेशालय ने मात्र 440 बेरोजगारों को ही रोजगार दिया है। रोजगार मिलने वालों में अधिकांश कंडक्टर, वॉटरमेन और अस्थायी वॉटरमेन जैसे पदों को भरा गया।

शास्त्री ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने चुनावी घोषणा पत्र में कांट्रेक्ट पर काम कर रहे 4000 डाक्टर, 15000 नर्स तथा पेरामेडिकल और 20,000 गेस्ट टीचरों को स्थायी करने और दिल्ली सरकार में खाली 55,000 पदों को शीघ्र भरने का वायदा किया था, जबकि हकीकत में कांट्रेक्ट कर्मचारियों को स्थाई करने की जगह उन्हें टर्मिनेट किया जा रहा है।

आदर्श शास्त्री ने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली सरकार के कार्यकाल में युवाओं को विश्व स्तरीय तकनीकि शिक्षा दिलाने हेतू 11 जुलाई 2012 को सिंगापुर के प्रधानमंत्री के दौरे के समय 500 विद्यार्थियों की क्षमता वाला वल्र्ड क्लास स्कील सेंटर बनाने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे और 2013 में दिल्ली के विवेक विहार में 500 विद्यार्थियों की क्षमता वाला वल्र्ड क्लास स्कील सेंटर बनाया था।

शास्त्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने चुनावी घोषणा पत्र में पहली बार दिल्ली स्किल मिशन बनाकर उसमें 17 लाख युवाओं को ट्रेनिंग देने का वादा किया, जिसको दिल्ली सरकार ने शुरु करने का प्रयास ही नही किया और यह सिर्फ घोषणा पत्र तक ही सीमित रहा।

शास्त्री ने पूछा कि दिल्ली सरकार द्वारा 1000 incubates को 2020 तक स्थापित करने की योजना बनाई गई थी उसमें कितनों की स्थापना की गई। शास्त्री ने कहा कि राजधानी में दिल्ली सरकार के 5 रोजगार कार्यालयों में 2015 से 2017 के दौरान 2.92 लाख बेरोजगार युवा/युवतियों के नाम पंजीकृत कराए गए, जिनमें से सिर्फ 324 युवाओं को रोजगार मिला और बाद के 2.5 वर्षों में मात्र 116 युवा बेरोजगारों को रोजगार निदेशालय ने नौकरी मुहैया कराई। रोजगार निदेशालय से जब वर्तमान पंजीकृत बेरोजगार युवा/युवतियों की जानकारी मांगी गई तो यह कहकर मना कर दिया कि ऑनलाईन इम्पलॉमेन्ट पोर्टल कार्यरत नही है।

आदर्श शास्त्री ने कहा कि दिल्ली सरकार के रोजगार निदेशालय द्वारा 22 करोड़ खर्च करके 10 रोजगार मेले लगाए जिनमें 89,889 युवाओं ने पंजीकरण कराया और मेले में राज्य सरकार ने मिलान तल उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने बड़े-बड़े विज्ञापनों के माध्यम से प्रचार करने में 893 करोड़ रु खर्च किए।

आदर्श शास्त्री ने कहा सितम्बर में सीएमटीई आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में बेरोजगारी की दर देश की औसतन बेरोजगारी से दुगनी है। सीएमटीई सर्वे के अनुसार दिल्ली में पिछले वर्ष 2019 में 66.23 लाख लेबर फोर्स थी जो वर्ष 2020 मई-अगस्त में घटकर 52.42 लाख रह गई।
शास्त्री ने कहा कि दिल्ली सरकार की गलत नीतियों द्वारा लॉकडाउन लागू करने के कारण 14 लाख लेबर फोर्स सहायता न मिलने के कारण माईग्रेट आबादी अपने गांवों को वापस लौट गई। इतनी बड़ी संख्या में लेबर फोर्स कम होने के बावजूद 12.20 लाख लोग बेरोजगार है जिनमें से 6.98 लाख युवा बेरोजगार है जिनकी आयु 20-29 वर्ष की बीच है। शास्त्री ने कहा कि 15-29 वर्ष की आयु वर्ग के युवाओं की बेरोजगारी दर 50.5 प्रतिशत है।