वृद्धावस्था में मानसिक संभ्रम के क्या कारण होते हैं?
वृद्धावस्था में मानसिक संभ्रम
जब भी मैं अपने चौथे वर्ष के विद्यार्थियों को क्लीनिकल मेडिसिन पढ़ाता हूँ, तो मैं पूछता हूँ- “वृद्धावस्था में मानसिक संभ्रम के क्या कारण होते हैं?
कुछ कहते हैं- “मस्तिष्क में ट्यूमर”, मैं कहता हूँ- नहीं! कुछ अन्य कहते हैं- “अल्ज़ाइमर का प्रारम्भ।” मेरा उत्तर फिर वही होता है- नहीं!
उनका हर उत्तर रद्द हो जाने के बाद उनके पास कोई उत्तर नहीं बचता।
लेकिन उनका मुँह तब खुला रह जाता है, जब मैं निम्नलिखित तीन सबसे अधिक सामान्य कारण बताता हूँ-
- अनियंत्रित डायबिटीज़
- मूत्र में संक्रमण
- डीहाइड्रेशन (जल की कमी)
यह मज़ाक़ लग सकता है, पर है नहीं। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग पानी पीना स्थायी रूप से भूल जाते हैं, जिसके परिणामस्वरूप उनका तरल वस्तुएँ पीना रुक जाता है। जब उन्हें पीने की याद दिलाने वाला आसपास कोई नहीं होता, तो वे डीहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं।
डीहाइड्रेशन एक गम्भीर बात है और उसका कुप्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है। इससे अचानक मानसिक संभ्रम (mental confusion) हो सकता है, रक्तचाप गिर सकता है, हृदय की धड़कनें बढ़ सकती हैं, वक्ष (chest) में दर्द हो सकता है, गहरी बेहोशी (coma) और मृत्यु तक हो सकती है।
तरल वस्तुएँ पीना भूलने की यह आदत 60 की उम्र में शुरू होती है, जब हमारे शरीर में जल की मात्रा आवश्यक मात्रा की केवल 50% रह जाती है। 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तियों में जल का सुरक्षित भंडार कम होता है। यह उम्र बढ़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया का एक भाग है।
लेकिन इससे कई और भी समस्याएँ होती हैं। हालाँकि उनके शरीर में जल की मात्रा कम होती है, फिर भी उन्हें प्यास तक नहीं लगती, क्योंकि उनका आन्तरिक संतुलन बनाने वाला तंत्र भली प्रकार कार्य नहीं करता।
निष्कर्ष
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग सरलता से डीहाइड्रेशन के शिकार हो जाते हैं, केवल इसलिए नहीं कि वे पानी कम पीते हैं, बल्कि इसलिए भी कि उन्हें अपने शरीर में पानी की कमी अनुभव नहीं होती।
हालाँकि 60 से ऊपर के व्यक्ति स्वस्थ लग सकते हैं, लेकिन प्रतिक्रियाओं और रासायनिक कार्यों की शिथिलता उनके सम्पूर्ण शरीर को हानि पहुँचा सकती है। इसलिए हमें निम्न दो बातों का हमेशा ध्यान रखना चाहिए-
(1) तरल पीने की आदत बनायें। तरल पदार्थों में जल, जूस, चाय, नारियल पानी, दूध, सूप और रसीले फल जैसे तरबूज, ख़रबूज़ा, आड़ू, अनन्नास, सन्तरा, किन्नू आदि शामिल हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको हर दो घंटे बाद कुछ तरल अवश्य पीना चाहिए।
(2) परिवार सदस्यों को बता दें कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को तरल पीने के लिए देते रहें। साथ ही उन पर दृष्टि भी रखें। यदि आपको लगता है कि वे तरल पीने में आना-कानी करते हैं और उनमें आए दिन चिड़चिड़ापन, साँस लेने में कठिनाई या ध्यान न देना जैसी समस्याएँ आती हैं, तो निश्चित रूप से ये डीहाइड्रेशन के लक्षण हैं।
आपके परिवार और मित्रों को भी ये महत्वपूर्ण बातें जाननी चाहिए, ताकि वे अधिक स्वस्थ और प्रसन्न रहें। इस जानकारी को 60 वर्ष से ऊपर के लोगों के साथ साझा करें।
— डॉ अर्नोल्ड लिचेंस्टीन
(विजय कुमार सिंघल)