आज का हिन्दू पंचांग – 12-Sep-22
⛅दिनांक – 12 सितम्बर 2022**
⛅दिन – सोमवार**
⛅विक्रम संवत् – 2079**
⛅शक संवत् – 1944**
⛅अयन – दक्षिणायन**
⛅ऋतु – शरद**
⛅मास – आश्विन (गुजरात एवं महाराष्ट्र में भाद्रपद)**
⛅पक्ष – कृष्ण**
⛅तिथि – द्वितीया सुबह 11:35 तक तत्पश्चात तृतीया**
⛅नक्षत्र – उत्तर भाद्रपद सुबह 06:59 तक तत्पश्चात रेवती**
⛅योग – गण्ड सुबह 09:32 तक तत्पश्चात वृद्धि**
⛅राहु काल – सुबह 07:58 से 09:30 तक**
⛅सूर्योदय – 06:25**
⛅सूर्यास्त – 06:46**
⛅दिशा शूल – पूर्व दिशा में**
⛅ब्राह्ममुहूर्त – प्रातः 04:52 से 05:39 तक**
⛅निशिता मुहूर्त – रात्रि 12:13 से 12:59 तक**
⛅व्रत पर्व विवरण – द्वितीया, तृतीया का श्राद्ध**
⛅ विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है ।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
श्राद्ध में रखें ये सावधानियाँ
पितरों को खिलाये बिना नहीं खायें । पराया अन्न भी नहीं खाना चाहिए ।
श्राद्धकर्ता श्राद्ध पक्ष में पान खाना, तेल-मालिश, स्त्री-सम्भोग, संग्रह आदि न करें ।
श्राद्ध का भोक्ता दुबारा भोजन तथा यात्रा आदि न करें । श्राद्ध खाने के बाद परिश्रम और प्रतिग्रह से बचें ।
श्राद्ध करनेवाला व्यक्ति ३ से ज्यादा ब्राह्मणों तथा ज्यादा रिश्तेदारों को न बुलायें ।
श्राद्ध के दिनों में ब्रह्मचर्य व सत्य का पालन करें और ब्राह्मण भी ब्रह्मचर्य का पालन करके श्राद्ध ग्रहण करने आये ।
श्राद्ध में उत्तम क्या ?
तीन चीजें श्राद्ध में प्रशंसनीय हैं :
(१)शुद्धि (२) अक्रोध (३) अत्वरितता : जल्दबाजी नहीं, धैर्य ।
तीन चीजें श्राद्ध में पवित्र होती हैं :
(१) तिल (२) बेटी का बेटा दौहित्र (३) कुतपकाल
सुबह 11:36 से लेकर 12:24 तक विशेषकाल माना जाता है । थोड़ा आगे-पीछे हो जाय तो कोई बात नहीं लेकिन इस काल में श्राद्ध की विशेष पवित्रता होती है ।
श्राद्धकाल में सात विशेष शुद्धियों का ध्यान रखना चाहिए :
(1) नहा-धोकर शरीर शुद्ध हो ।
(2) श्राद्ध की द्रव्य-वस्तु शुद्ध हो ।
(3) स्त्री शुद्ध हो, मासिक धर्म में न हो ।
(4) जहाँ श्राद्ध करते हैं वह भूमि शुद्ध हो । गोझरण से, देशी गाय के गोबर से लीपन की हुई हो ।
(5) मंत्र का शुद्ध उच्चारण करें ।
(6) ब्राह्मण भी शुद्ध भाववाला हो और तम्बाकू, जर्दा आदि का सेवन न करता हो ।
(7) मन को भी शुद्ध रखें ।