बचपन में लड़कियां जल्दी और लड़के देरी से बोलना होते है शुरू: अध्ययन
नई दिल्ली। आपने पहले कभी नोटिस नहीं किया होगा कि बचपन में लड़के देरी से बोलना सीखते हैं जबकि लड़कियां जल्दी बातें करना शुरू कर देती हैं। एक रिसर्च में भी इस बात पर गौर किया गया है और उसका जिक्र इस आर्टिकल में हम करने जा रहे हैं। वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया में लड़कों के देर से बोलना सीखने पर एक रिसर्च की गई। इनकी टीम ने 861 मांओं के अम्बिलिकल कॉर्ड के ब्लड सैंपल लिए और उनका बायोअवेलेबल टेस्टोस्टेरोन लेवल चैक किया।
लड़कियों की तुलना में लड़कों के अम्बिलिकल कॉर्ड में टेस्टोस्टेरोन का लेवल ज्यादा पाया गया। अगले तीन सालों में पैरेंट्स साल में एक बार इंफैंट मॉनिटरिंग के लिए आते थे जिसमें बच्चों की लैंग्वेज, ग्रॉस मोटर स्किलस, फाइन मोटर स्किलस और सोशल डेवलपमेंट को जांचा जाता था।
तीनों ही स्टेज पर एसेसमेंट में लड़कों में कम्यूनिकेशन स्किलस विकसित होने में देरी देखी गई।लैंग्वेज के साथ-साथ लड़कों के तीन साल की उम्र तक फाइन मोटर स्किल्स और सोशल स्किल्स में भी देरी हुई। वहीं इस उम्र की लड़कियों में टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर के कारण लैंग्वेज डिले होने की संभावना कम ही थी।
स्टडी का कहना है कि लड़कों में लैंग्वेज डिले का जोखिम कारक प्रीनैटल टेस्टोस्टेरोन लेवल का हाई होना है। लड़कों के विपरीत, लड़कियों में टेस्टेस्टेरोन का हाई लेवल लैंग्वेल डिले के खतरे को कम करने वाला पाया गया।वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी ऑफ पर्थ के पीएचडी डॉक्टर एंड्रयू वहाइटहाउस के अनुसार जिन लड़कों में टेस्टोस्टेरोन लेवल हाई था, उनमें तीन साल की उम्र तक लैंग्वेज डिले होने का जोखिम दोगुना था।
व्हाइटहाउस के अनुसार जहां लड़कों में टेस्टोस्टेरोन का हाई लेवल लैंग्वेज डिले का कारण बन रहा है, वहीं लड़कियों में हाई टेस्टोस्टेरोन लेवल एक प्रोटेक्टिव फैक्टर बना। अगर आपके बच्चे ने तीन साल की उम्र तक बोलना शुरू नहीं किया है तो आप कुछ तरीकों की मदद से उसे बोलना सीखने में मदद कर सकते हैं।
बच्चे के साथ किताब पढ़ना शुरू करें।बच्चे के सामने गाना गाएं और गाने पर नाचकर भी दिखाएं। ये सब बच्चे को बहुत मजेदार लग सकता है और उसका भी मन गाने और नाचने का करेगा। इस तरह बच्चे को बोलने के लिए मोटिवेशन मिलेगी। आप जो भी कर रहे हैं, उसके बारे में बोलकर बच्चे को बताएं और उससे भी पूछें कि वो क्या कर रहा है।अगर तीन से चार साल तक के बच्चे ने अब तक बोलना शुरू नहीं किया है तो आपको एक बार पीडियाट्रिशियन को दिखा लेना चाहिए।