कोरोना में कैसे बढ़ाए रोग प्रतिरोधक क्षमता !
नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के आयुर्वेद के परखे गए कई उपायों पर एक एडवाइजरी जारी की थी। इस मुश्किल घड़ी में उस एडवाइजरी को फिर से दोहराया है, जिससे अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति (प्रतिरक्षा) बढ़ाने के एक उपाय के रूप में सभी के प्रयासों में मदद की जा सके।
31 मार्च 2020 को जारी की गई एडवाइजरी में निम्नलिखित 5 व्यापक क्षेत्रों को शामिल किया है। कोविड 19 के प्रकोप से दुनिया में पूरी मानव जाति पीड़ित है। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करना अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। हम सभी जानते हैं कि रोकथाम इलाज से बेहतर है।
अब तक कोविड-19 के लिए कोई दवा नहीं है, ऐसे समय में निवारक उपाय करना अच्छा रहेगा जिससे हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। आयुष मंत्रालय श्वसन संबंधी स्वास्थ्य के विशेष संदर्भ के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और निवारक स्वास्थ्य उपायों के लिए निम्नलिखित स्व-देखभाल के दिशानिर्देशों का सुझाव देता है। ये आयुर्वेदिक साहित्य एवं वैज्ञानिक पत्र-पत्रिकाओं पर आधारित हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता कैसे बढ़ाए
पूरे दिन गर्म पानी पीजिए। प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें। खाना पकाने में हल्दी, जीरा, धनिया और लहसुन जैसे मसालों के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। साथ ही रोज सुबह 10 ग्राम (1 चम्मच) च्यवनप्राश लें। मधुमेह रोगियों को शुगर फ्री च्यवनप्राश खाना चाहिए। तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सोंठ और मुनक्का से बना काढ़ा/ हर्बल टी दिन में एक या दो बार पीजिए। अगर आवश्यक हो तो अपने स्वाद के अनुसार गुड़ या ताजा नींबू का रस मिलाएं। गोल्डन मिल्क- 150 मिली गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर- दिन में एक या दो बार लें। - सरल आयुर्वेदिक प्रक्रियाएं
नाक का अनुप्रयोग – सुबह और शाम नाक के नथुनों में (प्रतिमार्ष नास्य) तिल का तेल/ नारियल का तेल या घी लगाएं।
ऑयल पुलिंग थेरेपी- एक चम्मच तिल या नारियल का तेल मुंह में लीजिए। उसे पिएं नहीं बल्कि 2 से 3 मिनट तक मुंह में घुमाएं और फिर थूक दें। उसके बाद गर्म पानी से कुल्ला करें। ऐसा दिन में एक या दो बार किया जा सकता है। - सूखी खांसी/ गले में खराश में क्या करें
पुदीने के ताजे पत्तों या अजवाईन के साथ दिन में एक बार भाप लिया जा सकता है। खांसी या गले में जलन होने पर लवांग (लौंग) पाउडर को गुड़/ शहद के साथ मिलाकर दिन में 2 से 3 बार लिया जा सकता है। ये उपाय आमतौर पर सामान्य सूखी खांसी और गले में खराश को ठीक करते हैं। हालांकि अगर ये लक्षण बरकरार रहते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर होगा।