शिवराज सरकार को घेरने में जुटे कमलनाथ!

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर आने लगे हैं। कोरोना की इस महामारी के दौरान प्रदेश में उनकी लगातार सक्रियता देखी गई है। वे न सिर्फ फोन और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संगठन के नेताओं के साथ बात कर रहे हैं वहीं प्रदेश सरकार को भी बराबर घेर रहे हैं।

वे पिछले एक सप्ताह में दस से ज्यादा पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज चुके हैं। इस पत्रों के माध्यम से उन्होंने प्रदेश के गरीबों की समस्याएं भी उठाई हैं तो कोरोनो को लेकर लिए जा रहे फैसलों के क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाया है।

भले ही कोरोना के कारण प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पीसीसी में नजर न आ रहे हों लेकिन अपने आवास से ही वे संगठन के कामों पर पूरी नजर रख रहे हैं। उनकी फोन और वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर और प्रदेश महासचिव राजीव सिंह से बराबर बात हो रही है। संगठन में नई नियुक्तियों पर भी विचार किया जा रहा है।

पीसीसी में भोजन कार्यक्रम संचालित करने की बात हो या फिर इंदौर और अशोक नगर में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति, इन सभी विषयों में कमलनाथ ने फोन के जरिए ही राय मशवरा कर फैसला लिया है। इसके अलावा उपचुनावों को लेकर भी रणनीति तैयार की जा रही है। कमलनाथ ने अपने पत्रों के जरिए सरकार पर लगातार सवाल उठाए हैं।

कमलनाथ ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकने पर सरकार का सड़क से सदन तक विरोध करने का ऐलान किया है। वहीं सरकार के कोरोना के संबंध में लिए गए फैसलों के क्रियान्वयन पर सवाल खड़े किए हैं।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि गरीबों तक सरकार का राशन नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को तीन महीने का राशन देने समेत किसानों को साढ़े सात हजार रुपए महीने के हिसाब से दो महीने की राशि देने की भी मांग की। उन्होंने कटाई और खरीदी की समस्या से जूझ रहे किसानों का मुद्दा का भी मुखरता से उठाया है।