कमलनाथ की स्थिति अब बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसी

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अब किसान आंदोलन की याद आ रही है, लेकिन जब कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन का आव्हान किया था तब कमलनाथ आंदोलन से गायब थे। आज सिर्फ अपना राजनैतिक अस्तित्व बचाने के लिए कमलनाथ जी किसान आंदोलन की बात कर रहे है। कमलनाथ की स्थिति अब ‘‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’’ जैसी हो चुकी है।

मध्यप्रदेश का किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ खडा है। किसान आंदोलन के नाम पर कांग्रेस सिर्फ अपनी राजनीति चमकाना चाहती है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस द्वारा कृषि बिल के विरोध में चक्काजाम और राजभवन का घेराव किए जाने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कही।

  • कमलनाथ का दोहरा चरित्र उजागर
    श्री शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश के लाखों किसानों ने कृषि बिल के समर्थन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को सुना। प्रदेश का हर किसान आज कृषि संशोधन कानून के साथ मजबूती के साथ खडा हैं। किसानों द्वारा कानून को समर्थन दिए जाने से पूरी कांग्रेस और कमलनाथ घबराए हुए है, इसलिए कमलनाथ जी छिंदवाडा में किसानों के नाम पर सम्मेलन कर अस्तित्व बचाने में लगे हुए है।
  • प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कृषि कानून का विरोध करने से पहले कमलनाथ जी को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस ने 2019 के घोषणा पत्र में कृषि कानून को लेकर जो वादा किया था क्या वह झूठा था? कमलनाथ यह भी बताएं कि उन्होंने पहले यह कहा था कि छिंदवाड़ा में 10 साल पहले हमने कान्ट्रेक्ट फार्मिंग शुरू कर दी थी। लेकिन आज उसी कान्ट्रेक्ट फार्मिंग का वह विरोध क्यों कर रहे है ? कमलनाथ जी यह बताएं कि केरल में कांग्रेस सरकार है, जहां एपीएमसी एक्ट नही है तो वहां आप विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं ? श्री शर्मा ने कहा कि कमलनाथ जी का यह विरोध उनके दोहरे चरित्र को दर्शाता है।