मप्र को मिलेगा 2 लाख मीट्रिक टन यूरिया

भोपाल। अब मप्र को दो लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया मिलने की पूरी संभावना है। केंद्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौडा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को आश्वासन दिया है। प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जब चर्चा की तो केंद्रीय उर्वरक मंत्री ने उन्हें पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है। उर्वरक मंत्री गौड़ा ने सीएम से कहा कि अब तक यूरिया की जो कमी हुई उसकी पूर्ति कर दी जाएगी तथा भविष्य में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। रबी के बोवनी के बढ़े रकबे के लिए भी जरूरत के मुताबिक यूरिया की सप्लाई की जाएगी।

कृषि मंत्री सचिन यादव ने बताया कि अब मप्र को 2 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया मिलने की संभावना है। अक्टूबर में आवंटित यूरिया से 1.29 लाख मीट्रिक टन, नवंबर में 67 हजार मीट्रिक टन कम मिला है और दिसंबर में 4.36 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन हुआ है जिसमें से अब तक 1.70 लाख मीट्रिक टन यूरिया राज्य को मिल सका है। 37 मीट्रिक टन यूरिया ट्रांजिट में है जो खंडवा, दमोह, नीमच, मेघनगर, रीवा, मंडीदीप, रतलाम, बैतूल, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर में पहुंचेगी।

कृषि मंत्री ने बताया कि उर्वरक मंत्री गौड़ा ने सीएम को आश्वस्त किया है कि अक्टूबर-नवंबर के दो लाख मीट्रिक टन के यूरिया के बैकलॉग को 31 दिसंबर तक मप्र को उपलब्ध करा दिया जाएगा। मंगलवार तक मप्र में 9.37 लाख मीट्रिक टन यूरिया पहुंचा चुका है जिसमें से 7.60 लाख मीट्रिक टन वितरित किया जा चुका है। अभी गोदामों व निजी विक्रेताओं के पास 1.77 लाख मीट्रिक टन और सहकारी समितियों के पास 50 हजार मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक है।

वहीं, पिछले साल 8.47 लाख मीट्रिक टन की उपलब्ध थी जबकि 7.18 लाख मीट्रिक टन वितरण हो सका था। यादव ने कहा कि भाजपा ने पिछले साल यूरिया का केवल दो लाख मीट्रिक टन का स्टॉक रखा था जबकि कांग्रेस सरकार ने परिस्थितियों को ध्यान में रखकर भंडारण चार लाख मीट्रिक टन किया। इससे स्थितियां नियंत्रण में रहीं।

कृषि मंत्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान यूरिया की कमी के कारण प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहती थी। मारामारी के दौरान किसानों पर पुलिस लाठी चार्ज तक होता था। इस साल अब ऐसे हालात कहीं नहीं बने हैं। भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार में 150 किसानों की आत्महत्या की घटनाओं पर यादव ने कहा कि बीजेपी की शैली झूठ बोलने की है। ये आंकड़े कहां से आए वे नहीं जानते क्योंकि ऐसी स्थिति नहीं है।

यादव ने कहा कि 2018-19 में रबी सीजन में 1.16 करोड़ हैक्टेयर में बोवनी हुई थी लेकिन यह रकबा इस साल 1.30 करोड़ हैक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद है। इसको लेकर सीएम ने उर्वरक मंत्री से चर्चा की और कहा कि अतिरिक्त बोवनी के लिए भी मप्र को यूरिया की जरूरत पड़ेगी। इस पर उर्वरक मंत्री ने आश्वस्त किया कि अतिरिक्त बोवनी के रकबे के लिए भी यूरिया में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।