मक्का की रोटी से मोदी के आत्मनिर्भर भारत की झाबुआ में शुरुआत
राजेन्द्र श्रीवास्तव |झाबुआ
देश के यशस्वी और विश्व में विश्व भर में लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दिल्ली से देश के सपनों को लेकर कुछ बोलते हैं तो इसे सामान्य नहीं कहा जा सकता लेकिन मक्का की रोटी और परिश्रम केँ लिएँ भारतभर में पहचान बना चुके झाबुआ में उनके इस सपने की अगर पहली शिला रखी जाए तो इसे असाधारण भी नहीं कहा जा सकता….पिछले दिनों झाबुआ में एक कार्यक्रम केँ माध्यम से प्रधानमंत्री श्री मोदी केँ सपनो की आधारशिला झाबुआ केँ बिलिडोज में बहुत ऊर्जा केँ साथ रखी गई….जहाँ शिक्षा क्षेत्र केँ संतो की उपस्थिति दीवाली सी जगमग लिएँ प्रकाशमान थी. शारदा समूह का वो प्रांगण जहाँ उत्कृष्ट शिक्षा जब कम पानी , तेज़ धूप और आँधियों केँ बीच भी आत्मविश्वास से उगती हैँ….तो ये सामान्य नही होता, दुर्लभ होता हैँ….यहाँ प्रकृति केँ वात्सल्य और प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से आत्मनिर्भर भारत के वृक्ष को छाँव देने और फल देने केँ लिएँ छोटी छोटी पानी की सकारात्मक बूँदें केँ रूप में परिपक्व चितकों , समाज सेवियों , पत्रकारो , जनप्रतिनिधियों , बच्चो केँ समन्वय से शिक्षा विद ओम शर्मा ने मोदी केँ आत्मनिर्भर भारत की पहली तस्वीर को उकेरा….
अस्मरणीय था आयोजन….आत्मनिर्भर भारत केँ साथ आत्मनिर्भर झाबुआ की इस तस्वीर में पत्तल दोने और बाँस की टोकरियों केँ साथ दिया बाती और कंप्यूटर से लेकर जड़ी बूटियों केँ साथ जिले की पारपंरिक संस्कृतियों को जिस तरह से जोड़ा उससे यही लगा कि देश केँ प्रधानमंत्री ने भारत केँ मानसपटल पर जिस स्वाभिमान की कल्पना आत्मनिर्भर भारत केँ रूप में की थी वो साकार होगा….प्रदेश से पहुँचें स्कूल शिक्षा मंत्री , जिले केँ साँसद , जिले केँ कलेक्टर और शिक्षा न्यास केँ मूर्धन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को जिस तरह से बहुत छोटे और बड़े बच्चे जिस तरह से संवाद कर रहे थे वो ये प्रमाणित कर रहा था अपने आप पर निर्भर होने केँ लिएँ झाबुआ तैयार होता दिख रहा है और प्रधानमंत्री की भावनाओँ का आदर करते हुए इस अभियान में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण योगदान केँ लिएँ तैयारियाँ कर रहा हैँ….कार्यक्रम में जब मंच से आयोजन केँ सूत्रधार शारदा समूह केँ ओम शर्मा आयोजन का उद्देश्य बता रहे थे तो मंच पर बैठे जिले केँ शिल्पकारो और सामने बहुत एकग्रता केँ साथ उनको सुन रही उपस्थिति को देखकर उनका चेहरा जिसने दिनरात श्रम कर अपनी टीम केँ साथ इस कार्यक्रम को जुटाया था पसीने से चमक रहा था….अनुशासित समन्वय से लबरेज इस अस्मरणीय आयोजन को हमेशा याद रखा जाएगा….
ऐसा श्रेष्ठ समन्वय बहुत ही कम देखने को मिलता हैँ….मंत्री श्री इंदर सिंह और जिले केँ हर गाँव मे विकास को अपनी मेहनतकश और पथरीली उँगलियों से आकर दे रहे साँसद श्री गुमानसिह केँ उदबोधन में जिले केँ विकास की प्यास ,उसके लिएँ परिश्रम और चिन्ता केँ साथ हर क्षण सहयोग का ईमानदार वादा दिखाई दिया , साँसद श्री डामोर ने कहा कि ये मोदी जी का एक ऐतिहासिक कदम हैँ| तो मंत्री श्री परमार ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत और इस शिक्षा नीति को हर वर्ग ने स्वीकार किया है मैं व्यक्तिगत और शासकीय स्तर पर भी दिनरात मेहनत कर प्रदेश केँ हर गाँव केँ युवाओ तक इस तस्वीर को यथार्थ में परिवर्तित करने का प्रयास करूँगा.कलेक्टर श्रीरोहित सिह केँ भारत केँ जनप्रिय महापुरुष श्री विवेकानंद केँ ऊर्जावान संकल्पों को जनमानस केँ सामने रखकर जिस तरह से आम जन केँ समक्ष आत्मनिर्भर झाबुआ केँ सपनो आकृतियाँ प्रस्तुत उसकी जितनी प्रशंसा की जाएँ कम ही होगी| राष्ट्रीय शिक्षा उत्थान संस्कृति न्यास केँ राष्ट्रीय सचिव ने देश की शिक्षा नीति को बहुत ही सरल शब्दों में देश की आत्मा केँ साथ जोड़ते हुए ये बताया कि क्यों ये नीति महत्वपूर्ण है और देश की शिक्षा और स्वाभिमान केँ साथ कैसे न्याय करती है और इसकेँ पीछे कितना अथक परिश्रम लगा हैँ| कितने लोगो ने इसकेँ माध्यम से भारत केँ बच्चों और सकारात्मक रूप से प्राचीन भारत और आधुनिक आत्मनिर्भर भारत से जोड़ने में मेहनत कर भारत को शीर्ष पर पहुँचाने का सपना देखा हैँ| शारदा समूह केँ अर्थव शर्मा ने इस अवसर पर एक वेबसाइट का शुभारंभ भी मुख्य अतिथियों से करवाया. ये वेबसाइट इसी स्कूल केँ बच्चो ने बनाई है और ये अब स्थानीय उत्पादों को भारतभर में पहुँचायेगी|
आभार संस्था की ही श्रीमती किरण शर्मा ने माना और इस अवसर पर कुछ वशिष्ट लोगो का सम्मान भी किया गया. उम्मीद हैँ ये आयोजन आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर झाबुआ केँ निर्माण में मिल का पत्थर साबित होगा| शिक्षाविदों , जिला प्रशासन , प्रदेश स्तर केँ मंत्री और मूर्धन्य लोगो का इससे श्रेष्ठ समन्वय बहुत ही कम देखने को मिलता हैँ|