अरुणाचल के पूर्व CM की खुदकुशी से जुड़ी याचिका

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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के दिवंगत मुख्यमंत्री कलिखो पुल की खुदकुशी से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। याचिका में इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने याचिका दायर करने वाली संस्था नेशनल लॉयर्स कैंपेन फॉर ज्यूडिशियरी ट्रांसपेरेंसी एंड रिफॉर्म पर २.७५ लाख का जुर्माना भी लगाया है।
कोर्ट का मानना था कि याचिकाकर्ता ने सुसाइड नोट की सत्यता की जांच करना भी जरूरी नहीं समझा। उन्होंने न कभी नोट की मूल कॉपी देखी न उसे पाने की कोशिश की। महज सोशल मीडिया से आधी-अधूरी जानकारी के आधार पर याचिका दायर की गई।
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि याचिका डालने वाला एक व्यस्त संगठन है जिसने केवल तीखे आरोप लगाए हैं और मात्र अफवाहों पर याचिका दायर की है। ऐसे में याचिकाकर्ता संस्था और उसके १० सदस्यों पर २५-२५ हजार रुपये जुर्माना लगाया है।
हालांकि याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि यह जांच करना पुलिस और सीबीआई का काम है कि सुसाइड नोट असली है या नहीं। कलिखो पुल की डेड बॉडी ९ अगस्त २०१६ को ऐटानगर के मुख्यमंत्री आवास में लटकती हुई मिली थी।
कलिखो के सुसाइड नोट में राजनीति और न्यायपालिका से जुड़े कई लोगों पर आरोप लगाए गए हैं। इस साल २३ फरवरी को कलिखो पुल की पत्नी डंगविमसई पुल ने मामले की सीबीआई और एनआईए से जांच कराने की याचिका सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ली थी।
उन्होंने सुसाइड नोट का हवाला देते हुए मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग की थी। डंगविमसई पुल ने प्रेस वार्ता में कहा था कि सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों के आधार पर FIR दर्ज की जानी चाहिए।

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