दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष घर बनाए जाएं- मेनका
नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी चाहती हैं कि दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष घर बनाए जाएं, क्योंकि चाइल्ड केयर संस्थाएं उनकी निरंतर व स्थायी देखभाल करने में सक्षम नहीं हैं।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को लिखे पत्र में मेनका गांधी ने राज्यों में ऐसे बच्चों के लिए विशेष घर बनाए जाने का अनुरोध किया, जो कि स्थानीय चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की निगरानी में गैर सरकारी संस्थानों (एनजीओ) द्वारा संचालित किए जा सकते हैं।
वहीं मेनका गांधी ने सुझाव देते हुए कहा कि जहां छोटे राज्यों को ऐसे एक या दो सेंटर की तो उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे बड़े राज्यों को इनसे ज्यादा सेंटर की जरूरत पड़ेगी।
जबकि हाल ही में अपने कुछ चिल्ड्रेन होम्स दौरे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हालांकि इन संस्थानों में दिव्यांग बच्चों के लिए अलग से एरिया बने हुए थे, मगर वे ऐसी खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं करा रहे हैं, जिन्हें ऐसे बच्चों की जरूरत है।
ज्यादातर संस्थानों को ट्रांजिशन सेंटर्स के तौर पर संचालित किया जाता है, जहां या तो बच्चों को दोबारा उनके परिवार के साथ मिलाया जाता है या मौजूदा कानून के तहत किसी परिवार द्वारा गोद लिया है।