देश के शेष 4141 गांवों में 2018 तक पहुंचेगी बिजली
नई दिल्ली । केंद्रीय बिजली राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल ने आज यहाँ राज्य बिजली मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि ‘बिजली ही वह आधार है जिसके आसपास भारत के प्रत्येक नागरिक को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करने के लिए एक उपयुक्त प्रणाली का निर्माण किया जा सकता है।
पीयूष गोयल ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य पिछले छः महीनों के दौरान राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बिजली, कोयला, नवीकरणीय ऊर्जा तथा खनन क्षेत्रों में किए गए कार्यों की समीक्षा करना है।
गोयल ने कहा कि इसके अतिरिक्त, इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के विजन को ध्यान में रखते हुए निर्धारित समय में सभी के लिए २४/७ घंटे गुणत्तापूर्ण एवं किफायती बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्यों को अर्जित करने के लिए नई नीतियों का निर्माण करना भी है।
गोयल ने कहा कि यह सम्मेलन एक ‘परिणाम केंद्रित बैठक’ है। उन्होंने वड़ोदरा में आयोजित पिछले राज्य बिजली मंत्रियों के सम्मेलन में दिसंबर २०१८ तक देश के प्रत्येक परिवारों को बिजली उपलब्ध कराने के संकल्प को भी दोहराया।
उन्होंने कहा कि सभी के लिए २४/७ घंटे गुणत्तापूर्ण एवं किफायती बिजली उपलब्ध कराने के मार्ग की चुनौतियां अभी तक समाप्त नहीं हुई है और अगले ३-४ महीनों में शेष बचे ४१४१ गांवों का विद्युतीकरण करने के लिए अंतिम रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है।
गोयल ने पारदर्शिता और जवाबदेही की चर्चा करते हुए कहा कि भारत के ऊर्जा क्षेत्र में कई मोबाइल ऐप और वेबपोर्टलों का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता इस सरकार की एक पहचान है।
मंत्री ने उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को राज्य तथा केंद्र सरकार के एक सामूहिक, समन्वयात्मक एवं सहयोगात्मक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने को प्रोत्साहित किया जो कि देश में एक भ्रष्टाचार मुक्त बिजली क्षेत्र के निर्माण में सहायक होगा।
इस सम्मेलन में २३ राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर बिजली सचिव पी.के.पुजारी, खनन सचिव अरूण कुमार, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा सचिव राजीव कपूर समेत मंत्रालय तथा मंत्रालय के तहत सीपीएसयू के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।