निर्भया- सड़कों पर उतरा था पूरा देश, संसद में रो पड़ी थी जया

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में १६ दिसम्बर २०१२ को हुई इस घटना के बाद पूरा देश सड़कों पर उतर आया था। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने  जल्द न्याय दिलाने की अपील की थी।

निर्भया  को न्याय दिलाने और अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी के लिए इंडिया गेट पर कई दिनों तक युवाओं समेत देश के बुद्धिजीवियों ने सरकार से धरना और प्रदर्शन कर अपील भी की।

एक समय ऐसा भी आया जब हालात बेकाबू होते दिखाई दिए और पुलिस ने इंडिया गेट पर मौजूद हजारों की भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के साथ लाठी चार्ज भी किया। इसके लिए मौजूदा यूपीए सरकार की जमकर आलोचना भी हुई थी।

इस मामले की गूंज सदन में भी सुनाई दी। राज्य सभा में इस मामले पर चर्चा के दौरान बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद जया बच्चन अपनी बात कहते हुए सदन में रो पड़ी थीं। उनका कहना था कि हमारे लिए यह बेहद शर्मनाक बात है कि हम अपने बच्चों की सुरक्षा तक नहीं कर सकते हैं। कैंडल मार्च के दौरान भी उनकी आंखों में आंसू पूरे देश ने देखे थे।

नई दिल्ली में भौतिक चिकित्सा की प्रशिक्षण कर रही एक युवती पर दक्षिण दिल्ली में अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सफर के दौरान १६ दिसम्बर २०१२ की रात में बस के ड्राइवर, कंडेक्टर व उसके अन्य साथियों ने पहले तो उसको धोखे से अपनी बस में बिठाया। इसके बाद युवती पर फब्तियां कसी।

विरोध करने पर इन सभी ने युवती और उसके दोस्तों की बुरी तरह से पिटाई भी की। उसके मित्र की तब तक पिटाई की गई जब तक वह बेहोश नहीं हो गया।

इसके बाद युवती को जबरन पीछे की सीट पर ले जाया गया और बारी-बारी से सभी ने उसके साथ रेप। किया। यह दरिंदे उसके बेहोश होने पर भी नहीं रुके और उसके साथ रेप करते रहे।

दर्दनाक मौत
इन सभी ने युवती की बुरी तरह से पिटाई भी की और उसके शरीर पर गहरे जख्म भी दिए। बाद में इन्होंने युवती के शरीर में लोहे की रोड डाल दी थी, जिसके बाद उसको असहनीय दर्द और पीड़ा से गुजरना पड़ा था। बाद में वे सभी उन दोनों को एक निर्जन स्थान पर बस से नीचे फेंककर भाग गये।

किसी तरह उन्हें दिल्लीके सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। लेकिन हालत में कोई सुधार न होता देख उसे २६ दिसम्बर २०१२ को सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल ले जाया गया जहां उस युवती ने २९ दिसम्बर २०१२ को उसकी मौत हो गई। ३० दिसम्बर २०१२ को उसका अंतिम संस्कार किया गया।

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