पार्षदों के टिकट काटने का फैसला BJP के लिये ‘रामबाण’
नई दिल्ली। भाजपा के लिये दिल्ली नगर निगम चुनाव में सभी पाषर्दो के टिकट काटने का फैसला ‘रामबाण’ साबित हुआ है। किसी पार्टी ने आज तक ऐसा फैसला चुनाव से ठीक पहले नहीं किया होगा, कि सभी पार्षदों के टिकट काट दिए हो। सफलता भी उसके चरण चूमति हो।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में दो साल पहले भारतीय जनता पार्टी को जिस तरह की हार मिली थी उसे ‘शर्मनाक हार’ तक कहा गया। विधानसभा की ७० में से भाजपा को केवल ३ सीटे ही मिली। इसके बाद से ही भारतीय जनता पार्टी देश के दिल दिल्ली में अपनी जमीन फिर से पाने की कोशिश कर रही थी और एमसीडी चुनाव के पहले पार्टी ने एक नए चेहरे पर भरोसा किया और उसे ही पूरी जिम्मेदारी सौंप दी।
भोजपुरी गायकी में अपना नाम कमा चुके मनोज तिवारी को दिल्ली बीजेपी प्रेसिडेंट बना कर पार्टी ने अपने पुराने नेताओं को भी चौंका दिया। मनोज तिवारी ने एमसीडी इलेक्शन से ठीक पहले एक बड़ी घोषणा करते हुए अपने निर्वतमान पार्षदों में से किसी को भी फिर से टिकट देने से मना कर दिया।
तिवारी के इस फैसले को शीर्ष नेतृत्व ने पूरा समर्थन किया और एमसीडी के २७२ में से २७२ सीटों पर नये चेहरों के साथ चुनाव मैदान में उतरी।