पिछले 3 सालों में रेलवे में निवेश काफी बढ़ा- प्रभु
नई दिल्ली। रेल मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने आज यहां विश्व स्तरीय प्रौद्योगिकी से लाभ उठाने के लिए दो दिवसीय विश्व प्रौद्योगिकी सम्मेलन (रेलवे के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के विकास एवं अनुकूलन पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन) का उद्घाटन किया। मंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि विश्व भर में रेलवे का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
विश्व भर में हो रही तकनीकी प्रगति के अनुसार भारतीय रेलवे को भी विकास के पथ पर ले जाना जरूरी है। इससे पहले रेल बजट रेलवे की जरूरतों के अनुरूप नहीं होता था। पिछले तीन वर्षों में रेलवे में निवेश काफी बढ़ गया है। आगामी दशक के दौरान रेलवे में निवेश बढ़ाया जाएगा।
तकनीकी दृष्टि से विकास अत्यंत जरूरी है। उन्होंने कहा कि रेलवे में निवेश करने से अन्य क्षेत्र भी लाभान्वित होंगे। भारत प्रौद्योगिकी के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं के लिए एक बड़ा बाजार है। इसके साथ ही यह भी समझना जरूरी है कि ‘मेक इन इंडिया’ एक भाग है और ‘डेवलप इन इंडिया’ दूसरा भाग है।
भारत में प्रौद्योगिकी के सह विकास पर ध्यान केंद्रित है। इसके बाद भारत प्रौद्योगिकी का केंद्र (हब) बन जाएगा। रेलवे प्रौद्योगिकी के वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं की ओर से सहयोग का इंतजार कर रही है और इसके साथ ही रेलवे उनके द्वारा पेश किए जाने वाले समाधान का स्वागत करेगी, बशर्ते कि वे भारतीय संदर्भ में लाभप्रद एवं किफायती साबित हों।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए.के.मित्तल एवं रेलवे बोर्ड के अन्य सदस्य,अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ)के महानिदेशक और उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आर.के.कुलश्रेष्ठ तथा वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) इस सम्मेलन के लिए प्रमुख संगठन हैं, जिसके लिए रेल मंत्रालय, रोलिंग स्टॉक इंजीनियर संस्थान (आईआरएसई) और रेलवे सिग्नल एवं दूरसंचार इंजीनियर संस्थान (आईआरएसटीई) अपनी ओर से सहयोग प्रदान करेंगे।