रेल फ्रेट कॉरीडोर से उत्पादित माल के परिवहन में होगी आसानी- युनूस खान
नई दिल्ली। राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री युनूस खान ने कहा कि राजस्थान में कोई बंदरगाह नही होने से राज्य के उत्पादित माल की ढ़ुलाई में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस दृष्टि से राज्य में प्रस्तावित ‘सूखा-बंदरगाह’ और ‘दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरीडोर’ तथा ‘रेल फ्रंट कॉरीडोर’ विकसित होने से निकट भविष्य में काफी सहूलियतें हो सकेगी।
इस कॉरीडोर के अंतर्गत राजस्थान का करीब ४० प्रतिशत हिस्सा आ रहा है। खान ने यह उद्गार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में आयोजित तीन दिवसीय परिवहन और उपस्कर सम्मेलन में भाग लेते हुए व्यक्त किये।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में उत्पादित सामान की ढ़ुलाई सड़क मार्ग और रेल वेगन्स द्वारा की जाती है, लेकिन इससे राष्ट्रीय राजमार्गो और अन्य सड़क मार्गो पर यातायात को सुचारू ढ़ंग से संचालित करने में अनेक बाधाएं आती हैं। साथ ही रेल परिवहन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कई क्षेत्रा इन सुविधाओं से जुड़े हुए नही हैं।
खान ने सुझाव दिया कि सड़क, रेल, जल एवं वायु परिवहन को एकीकृत कर उत्पादित माल की ढ़ुलाई को सहज बनाया जा सकता है। इस दिशा में भारत सरकार के प्रयास सराहनीय है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सड़क तंत्रा के विकास की दृष्टि से देश का अग्रणी प्रदेश है और मुख्यमंत्री मती वसुंधरा राजे के समग्र विजन से प्रदेश में राष्ट्रीय और राज्य के सड़क मार्गो के विकास का समग्र रोड मैप बनाकर विकास के कार्य किए जा रहे हैं।
खान ने राज्य की सड़क विकास परियोजनाओं, प्रस्तावित राष्ट्रीय राजमार्गो और राज्य की अन्य सड़क परियोजनाओं के संबंध में केन्द्रीय मंत्री गडकरी और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार चाहती है कि प्रदेश में अच्छी गुणवत्तापूर्ण तथा हर मौसम में टिकाउ और मजबूत सड़कें विकसित होवें तथा सड़क सुरक्षा पर सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जनचेतना जागृत की जाए।