मोदी मंत्रिमंडल से 1 दर्जन मंत्रियों की होगी विदाई!
नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की स्थिति बन रही है। मंत्रिमंडल में अच्छा प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों की तरक्की हो सकती है और खराब रिकार्ड वालों की विदाई तय है। मंत्रियों को उनके राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रदर्शन की कसौटी पर कसा जाएगा। इसके अलावा चुनावी राज्यों के समीकरण और 2019 के लोकसभा चुनाव का भी ख्याल रखा जाएगा।
बजट सत्र खत्म होते ही सरकार के अंदर विस्तार को लेकर तैयारियां शुरू हो जाएंगी। मंत्रिमंडल विस्तार में प्रतिनिधित्व का लंबे समय से इंतजार कर रहे उत्तराखंड पर नजर-ए-इनायत हो सकती है। यहां से भगत सिंह कोश्यारी या रमेश पोखरियाल निशंक को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा जैसे चुनावी राज्यों के नेताओं को भी जगह मिल सकती है। पीएम मोदी मंत्रियों के विभागों में बदलाव के साथ-साथ कम से कम १ दर्जन मंत्रियों की छुट्टी करेंगे। इनकी जगह लेने के लिए खुद पीएम ने १२ सांसदों का चयन किया है।
संसद में सांसदों की कम उपस्थिति और कई मौकों पर मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण हुई सरकार की किरकिरी से पीएम मोदी खासे नाराज हैं। पीएम मोदी विस्तार में संसदीय कार्य मंत्रियों की टीम में बड़ा परिवर्तन करेंगे।
इन्हें मिलेगा काम का इनाम
धर्मेंद्र प्रधान- पेट्रोलियम मंत्रालय की उज्जवला योजना विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को इसका इनाम मिल सकता है।
पीयूष गोयल- गोयल ने हर गांव में बिजली पहुंचाने की पीएम की महत्वाकांक्षी योजना को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। ऐसे में इन्हें तरक्की मिल सकती है।
नितिन गडकरी- मोदी इनके प्रदर्शन से खुश हैं। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी परिवहन से जुड़े सभी मंत्रालयों के विलय के पक्षधर हैं। गडकरी को ही इन संयुक्त मंत्रालयों का जिम्मा मिलेगा।
अरुण जेटली- जीएसटी बिल का कानूनी जामा पहनने का रास्ता साफ करने और नोटबंदी को सफलता के साथ लागू करने का इनाम जेटली को मिल सकता है। उन्हें पूर्णकालिक रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।
इन पर टेढ़ी नजर
कलराज मिश्र- पहले ही ७५ वर्ष की उम्र सीमा पार कर चुके एमएसएमई मंत्री कलराज मिश्र मंत्री लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कुछ खास नहीं कर सके हैं। लिहाजा उन्हें हटाकर राज्यपाल बनाया जा सकता है।
निर्मला सीतारमण- हालांकि निर्यात में जरूर कुछ सुधार हुआ है, मगर पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं स्टार्टअप, स्टैंडअप और मेक इन इंडिया को मिली औसत से कम सफलता निर्मला पर भारी पड़ सकती है। इन्हें संगठन में भेजे जाने की चर्चा है।