देशभर में 4.39 करोड़ फर्जी राशन कार्ड रद्द
नई दिल्ली। देशभर में PDS सुधार के बाद सभी राज्यों की सरकारों ने 2013 से 2020 तक कुल करीब 4.39 करोड़ अपात्र/फर्जी राशन कार्डों को रद्द कर दिया है। आपको बता दे कि देश में प्रौद्योगिकी समर्थित PDS सुधार लाने के लक्षित अभियान के तहत NFSA को लागू करने की तैयारी के दौरान सार्वजनिक वितरण व्यवस्था (TPDS) को आधुनिक बनाने और इसके परिचालन में पादर्शिता तथा कुशलता लाने, राशन कार्डों और लाभार्थियों के डाटाबेस का डिजिटाइजेशन करने, उसे आधार से जोड़ने, अपात्र/फर्जी राशन कार्डों की पहचान करने, डिजिटाइज किये डाटा के दोहराव को रोकने तथा लाभार्थियों के अन्यत्र चले जाने/मौत हो जाने के मामलों की पहचान करने के बाद सभी राज्यों ने 2013 से 2020 तक कुल करीब 4.39 करोड़ अपात्र/फर्जी राशन कार्डों को रद्द किया है।
NFSA कवरेज का जारी किया संबंधित कोटा, संबंधित राज्य / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित रूप से एनएफएसए के तहत लाभार्थियों की ‘सही पहचान’ के लिए उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत पात्र लाभार्थियों/परिवारों को शामिल करने / उन्हें नए राशन कार्ड जारी करने का काम जारी है। यह कार्य अधिनियम के तहत प्रत्येक राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश के लिए परिभाषित कवरेज की संबंधित सीमा के भीतर किया जा रहा है।
NFSA के तहत TPDS के जरिए 81.35 करोड़ लोगों को बेहद कम कीमत में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुरूप देश की जनसंख्या का दो तिहाई लोग हैं। वर्तमान में देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को केन्द्र द्वारा जारी बेहद रियायती दरों- 3 रुपये, 2 रुपये और 1 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से हर महीने एनएफएसए के तहत खाद्यान्न (चावल, गेहूं और अन्य मोटे अनाज) उपलब्ध कराया जा रहा है।