2019 में बुआ का सहारा लेगें अखिलेश!

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लखनऊ। भाजपा के विजयरथ को 2019 लोकसभा चुनाव में रोकने के लिए सपा को बसपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की अटकलें शुरू हो गई है। सपा दिग्गज नेता यहां तक की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी यही मान रहे है कि भाजपा के हाथों लगातार दो हार के बाद सपा को बसपा के साथ हाथ मिला लेना चाहिए।

सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे एक मुस्लिम नेता ने ईटी को बताया कि यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद सपा-बसपा गठबंधन मजबूरी है। स्वंय अखिलेश यादव द्वारा गठित की गई सपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के तीन बड़े सदस्यों का मानना है कि दोनों पार्टियों (सपा-बसपा) के लिए गठबंधन बहुत जरूरी है।

हालांकि कई सपा नेता मायावती के राजनीति करने के तरीके को लेकर काफी सजग हैं। सपा नेता की माने तो समस्या यह है कि मायावती के मन को कोई नहीं जानता।

ज्यादातर बसपा नेताओं का भी यही मानना है कि सपा-बसपा गठबंधन होना चाहिए। हालांकि सपा नेताओं के विपरीत बसपा नेता चुनावी पराजय के बाद मायावती के दृष्टिकोण के बारे में कोई आभास न मिलने पर राजनीतिक भविष्य को लेकर चुप्पी साधे बैठे हैं।

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