Murugha Sharanaru: यौन शोषण मामले में अरेस्ट मठाधीश मुरुघा अस्पताल में भर्ती
Shivamurthy Murugha Sharanaru: मुरुघा मठ के मठाधीश शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू (Murugha Sharanaru) ने जेल में अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ शिकायतें की थीं। इसके बाद शुक्रवार को उन्हें चित्रदुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिवमूर्ति को माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में गुरुवार रात को गिरफ्तार किया गया और 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मठाधीश से गिरफ्तार करने के बाद कई घंटों तक पूछताछ की गई। जेल भेजने के बाद उन्हें कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो गई थीं, जिसके बाद उन्हें जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया। चित्रदुर्ग के पुलिस अधीक्षक के. परशुराम ने बताया कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद शरणारू को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
शरणारू पर माध्यमिक विद्यालय की दो छात्राओं का यौन शोषण करने के आरोप में बाल यौन अपराध संरक्षण (पोक्सो) कानून और अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित व प्रभावशाली मठों में से एक के मठाधीश से पुलिस उपाधीक्षक अनिल कुमार ने एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की। कुमार इस मामले में जांच अधिकारी हैं। इसके बाद मठाधीश को चिकित्सा जांच के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया और प्रथम अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश के आवास पर उन्हें पेश किया गया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुरुघा मठ के मठाधीश के साथ ही चार अन्य लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है, जिनमें से एक व्यक्ति ‘सांत्वना केंद्र’ में काम करता है। एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। दो आरोपी लापता हैं और उनकी तलाश की जा रही है। सांत्वना केंद्र महिला व बाल विकास विभाग निदेशालय का काउंसेलिंग केंद्र है।
परशुराम ने बताया कि पुलिस मठाधीश से और पूछताछ करने के लिए उनकी पुलिस हिरासत की मांग करेगी। ऐसा आरोप है कि मठ की ओर से चलाए जा रहे एक विद्यालय में पढ़ने वाली व छात्रावास में रहने वाली 15 और 16 साल की दो लड़कियों का यौन शोषण किया गया। मठाधीश पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून के तहत भी मामला दर्ज किया गया है, क्योंकि एक पीड़िता अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखती है।
वकीलों ने अपने पत्र में उच्च न्यायालय से न्याय के हित में मामले की जांच की निगरानी में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से जांच हो सके। इसके अलावा एक स्थानीय अदालत ने मठाधीश की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई आज यानि शुक्रवार के लिए स्थगित कर दी थी।