2024 तक होंगी US जैसी सड़कें, 60 KM में सिर्फ 1 टोल प्लाजा: गडकरी
नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि भारत में 2024 तक अमेरिका जैसी सड़कें होंगी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि देश में 60 किलोमीटर में केवल एक टोल प्लाजा होगा और अगर इसके बीच में कोई है भी तो उसे तीन महीने के अंदर बंद कर दिया जाएगा।
लोकसभा में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हम उन स्थानीय लोगों को पास प्रदान करेंगे जिनके पास आधार कार्ड हैं और जो टोल प्लाजा के पास रहते हैं। इसके अलावा, मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि 60 किलोमीटर के भीतर केवल एक टोल प्लाजा होगा और यदि दूसरा टोल प्लाजा है, तो इसे अगले 3 महीनों में बंद कर दिया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि भारत में 2024 तक अमेरिका जैसी सड़कें होंगी। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि देश में 60 किलोमीटर में केवल एक टोल प्लाजा होगा और अगर इसके बीच में कोई है भी तो उसे तीन महीने के अंदर बंद कर दिया जाएगा।
लोकसभा में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हम उन स्थानीय लोगों को पास प्रदान करेंगे जिनके पास आधार कार्ड हैं और जो टोल प्लाजा के पास रहते हैं। इसके अलावा, मैं यह सुनिश्चित करता हूं कि 60 किलोमीटर के भीतर केवल एक टोल प्लाजा होगा और यदि दूसरा टोल प्लाजा है, तो इसे अगले 3 महीनों में बंद कर दिया जाएगा। गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से निपटने और सड़क आधारभूत ढांचे के निर्माण के लिये 62 हजार करोड़ रूपये की परियोजना पर काम चल रहा है।
गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी में लगने वाले जाम का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार से उन्हें और अन्य लोगों को पहले यहां हवाई अड्डा जाने और वहां से आने के क्रम में धौलाकुआं में यातायात जाम का सामना करना पड़ता था। नितिन गडकरी ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से हो रहे बदलाव और हरित ईंधन के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत में कमी आएगी तथा अगले दो साल में इनकी कीमत पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों के बराबर होगी।
गडकरी ने कहा कि किफायती और स्वदेशी ईंधन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इस तरह का ईंधन जल्द ही वास्तविकता बनेगा औेर प्रदूषण पर नियंत्रण होगा। केंद्रीय मंत्री ने सांसदों से कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्रों में सीवेज के पानी का उपयोग करके ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए पहल करें।