कोरोना: भारत में नई मशीनें करेंगी जांच, 2 घंटे में मिलेगी रिपोर्ट
नई दिल्ली। जापान और इटली की तरह भारत में अत्याधुनिक मशीनों से कोरोना वायरस की जांच हो सकेगी। केंद्र सरकार जल्द ही नोएडा व भुवनेश्वर में लैब शुरू कर रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ.बलराम भार्गव ने कहा कि रविवार तक में हाई थ्रोपुट डायग्नोस्टिक सिस्टम के तहत रैपिड दो मशीनें स्थापित की हैं। ये काफी अत्याधुनिक हैं। इनकी रोजाना 1400 सैंपल की जांच करने की क्षमता है।
अभी देश की मौजूदा लैब में कोरोना वायरस की जांच में करीब साढ़े 4 घंटे का समय लगता है नई तकनीक की मदद से महज २ घंटे के भीतर पता चल जाएगा कि मरीज को पॉजिटिव है या नहीं। आईसीएमआर ने देशभर में कोरोना की जांच करने के लिए प्राइवेट लैब से अपील की है कि मुफ्त में लोगों की जांच की जाए।
आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ.बलराम भार्गव का कहना है कि सरकार कोरोना वायरस की चिकित्सीय व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटी हुई है। हर दिन करीब 500 लोगों की जांच की जा रही है। सरकारी लैब के पास प्रतिदिन 8 हजार सैंपल की जांच करने की क्षमता है। इसके बावजूद देश में 51 एनएबीएच सर्टिफिकेट प्राप्त प्राइवेट लैब हैं, जिनसे लोगों की मुफ्त जांच करने की अपील की है।
भार्गव ने कहा कि आईसीएमआर की 72 लैब 24 घंटे कोरोना संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच कर रही हैं। अगले 1 सप्ताह में विभिन्न राज्यों के मेडिकल कॉलेज, डीबीटी, डीआरडीओ और सीएसआईआर की 49 और लैब शुरू हो जाएंगी। यहां जांच किट इत्यादि की व्यवस्था भी जल्द होगी।
भार्गव का कहना है कि कोरोना वायरस की जांच हर किसी व्यक्ति को कराने की जरूरत नहीं है। जो लोग हाल ही में विदेश यात्रा से लौटकर आए हैं या इन लोगों के संपर्क में कोई आया है। साथ ही इन्हें बुखार, कफ और सांस लेने में तकलीफ है तो ये अपनी जांच करा सकते हैं। इसके अलावा अस्पतालों में काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारी भी अपनी जांच करा सकते हैं।