6 साल के लंबे इंतजार के बाद खुला दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

नई दिल्ली। 6 साल लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे(डीएमई) को लोगों के लिए खोल दिया गया है। एक्सप्रेसवे का यूपी गेट से डासना तक दूसरा और डासना से मेरठ तक चौथा चरण शुरू होने से यूपी गेट से मेरठ का सफर एक घंटे और गाजियाबाद से मेरठ का सफर आधे घंटे में अब पूरा हो रहा है। 82.01 किमी लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 8346 करोड़ की लागत आई है। एक्सप्रेसवे पर टोल दरें इस हफ्ते तय होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में तब तक बगैर खर्चे के लोग सफर खर सकते हैं।

एक्सप्रेसवे पर एबीईएस के पास आरओबी के निर्माण के करीब 700 मीटर तक के हिस्से का काम मई तक पूरा होने की संभावना जताई जा रही है। डीएमई पर पहले दिन डासना पर शुरू होने वाले तीसरे और चौथे चरण पर वाहन चालकों में भ्रम की स्थिति रही। दिशा सूचक बोर्ड की कमी के चलते हापुड़ मुरादाबाद रूट पर जाने वाले तमाम वाहन चालक गलती से मेरठ की ओर चौथे चरण पर चढ़ गए।

फिर उन्हें लंबा चक्कर लेकर लौट कर आना पड़ा। अब करीब 82 किमी के एक्सप्रेसवे का सफर 60 मिनट में तय होगा। दिल्ली और गाजियाबाद आने वाले यात्री जाम को बाईपास कर सकेंगे। उन्हें पुराने दिल्ली-मेरठ मार्ग पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी। अब वे सीधे एक्सप्रेसवे से आ जा सकेंगे।

गाजियाबाद से मेरठ 25 मिनट में पहुंचेंगे। इससे एनसीआर की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी। फिलहाल राहत की बात यह है कि अभी टोल की दर तय नहीं हुई है। कुछ दिन बिना टोल के वाहन फर्राटा भर सकेंगे। दूसरी ओर उत्तराखंड जाने वाले लोगों को दिल्ली-मेरठ हाईवे के लंबे जाम से स्थायी रूप से छुटकारा मिल जाएगा।

दिल्ली-मेरठ की दूरी को कम करने के लिए 2008 में मंथन शुरू हुआ। फिर केंद्र में 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण की कवायद शुरू हुई। 2015 दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। पहले प्रोजेक्ट को नवंबर 2019 में पूरा करने की समय सीमा तय की गई थी।