देवरहा बाबा की धरती पर लहराएगा प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा, बनेगा शहीद स्‍मारक

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देवरहा बाबा की धरती देवरिया में लगेगा प्रदेश का सबसे ऊंचा तिरंगा, बनेगा शहीद स्‍मारक

स्‍मारक में अंकित होंगे शहीदों और सेनानियों के नाम

अटारी बॉर्डर, झारखंड की तरह अब उत्‍तर प्रदेश की धरती पर भी ऊंचा झंडा लहराएगा। जी हां, अगर सबकुछ तयशुदा रहा, तो देवरहा बाबा की धरती देवभूमि देवरिया में यूपी का सबसे ऊंचा झंडा जल्द ही लहराता नजर आएगा। इसके प्रयास शुरू हो गए हैं उम्मीद है कि जल्‍द ही यूपी का सबसे ऊंचा झंडा देवरिया में लगेगा। देशप्रेमी इंडिया फाउंडेशन की तरफ से 280 से 300 फीट ऊंचा तिरंगा लगाने के लिए डीएम को पत्र लिखकर जगह की मांग की गई है. 

यह पहल जिले के खोरीबारी निवासी सामाजिक कार्यकर्ता धीरज राय की तरफ से की गई है. उन्‍होंने इसके लिए अन्‍य कई सरकारी व निजी कंपनियों से भी इस सिलसिले में बातचीत की है.
देशप्रेमी इंडिया फाउंडेशन के सचिव धीरज राय का कहना है कि यूपी का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज देवरिया में लगाने की योजना है, जिसके लिए प्रयास किया जा रहा है. उन्‍होंने बताया कि देश के अन्य प्रांतों के विभिन्न शहरों में 300 फीट तक ऊंचे झंडे लहरा रहे हैं, लेकिन अब तक यूपी इससे अछूता रह गया.

यूपी के किसी शहर में 280 से 300 फीट ऊंचा झंडा नहीं लगा है. राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश का प्रतीक है और राष्ट्र में इस तरह ऊंचे झंडे लहराने से आने वाली पीढ़ी में देशप्रेम के प्रति उर्जा का संचार होता रहता है, इसलिए हर जगह इस तरह की गतिविधियां होनी चाहिए।चूंकि देवरिया स्‍वतंतता संग्राम सेनानियों व देश पर मर मिटने वाले क्रांतिकारियों का गढ रहा है इसलिए यूपी का सबसे ऊंचा झंडा देवरिया में लगाने का निर्णय लिया गया है. साथ ही यहां पर जिले के स्‍वतंतता संग्राम सेनानियों व सेना में शहीद होने वाले सैनिकों की स्‍मति में एक स्‍मारक बनाने की भी योजना है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन को खत लिखकर जगह की मांग की गई, फाउंडेशन की ओर से रामलीला ग्राउंड या जीआईसी ग्राउंड का सुझाव दिया गया है. धीरज बताते हैं कि प्रशासनिक अनुमति मिलने के बाद हमारा प्रयास रहेगा कि यहां 280 से 300 फीट तक ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा, जो हमेशा हमारे जिले के वीरों की याद दिलाता रहे. 

वीरता की कहानी कहेगा स्‍मारक 

देशप्रमी इंडिया फाउंडेशन के सचिव धीरज राय बताते हैं कि उनके छोटे दादाजी स्‍व. रामनगीना राय के साथ भटनी इलाके के सैकडों लोग आजाद हिन्‍द फौज में शामिल हो गए थे. उनके साथ गए मधुबन तिवारी और करामद मियां इस दौरान शहीद हो गए. कई सालों बाद जब स्‍व. रामनगीना राय वापस अपने गांव खोरीबारी लौटे तो उन्‍होंने समाजसेवी स्‍व. कमला राय, शिक्षक नेता स्‍व. रामदेव राय और ग्रामीणों के सहयोग से शहीद मधुबन करामद इंटर कॉलेज खोरीबारी देवरिया की स्‍थापना की, जिसे बाद में सरकार को सौंप दिया गया. आज भी उन सेनानियों के नाम पर वह इंटर कॉलेज संचालित हो रहा है, लेकिन उनके अलावा देवरिया की धरती ने आजादी की लडाई में रामचंद्र विधार्थी, बाबू विश्‍वनाथ राय, सरल भगत, जंग बहादुर मिश्र, अमर शहीद शिवराज उर्फ सोना स्वर्णकार, स्वामीनाथ प्रजापति और न जाने कितने सेनानी दिए. ऐसे तमाम लोग थे जिनका नाम किसी को याद नहीं, साथ ही जिले के तमाम जवान सेना में जाकर देश के लिए शहीद हो गए, लेकिन वर्तमान पीढी उनको भूलती जा रही है. ऐसे में जिले में एक शहीद व सेनानी स्‍मारक बनने से ऐसे महान सपूतों को हमेशा याद किया जाता रहेगा और आने वाली पीढियों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी. कुल मिलाकर यह स्‍मारक देवरिया के वीर सपूतों की वीरता की कहानी कहेगा.    

शहीदों और सेनानियों के नाम होंगे अंकित 

धीरज राय कहते हैं कि उनकी योजना देवरिया में यूपी का सबसे उंचा तिरंगा लहराने के साथ साथ एक शहीद और सेनानी स्‍मारक बनवाने की भी है, जिसमें आजादी से लेकर अब तक के सेनानियों और शहीदों के नाम अंकित कराये जा सकें, ताकि आने वाली पीढियां भी उन रणबाकुंरों को याद रख सके. धीरज बताते हैं कि अगर प्रशासनिक अनुमति और सहयोग मिला तो उनका प्रयास यहां स्‍मारक बनवाने का है, जिसमें लगने वाले शिलापटों पर शहीदों व सेनानियों के नाम अंकित होंगे.

अब तक कहां लगा है कितना ऊंचा तिरंगा

अटारी बॉर्डर-  360 फीट
पुणे-  351 फीट
कोल्हापुर-  303 फीट
रांची-  293 फीट
हैदराबाद- 291 फीट
रायपुर- 269 फीट
फरीदाबाद- 250 फीट
भोपाल-  235 फीट
नवी मुंबई-  222 फीट
कटक-  215 फीट
गाजियाबाद- 211 फीट
नई दिल्ली-  207 फीट
लखनउ-  207 फीट
जयपुर-  206 फीट
गोरखपुर – 262 फीट (निर्माणाधीन)