हमारे युवाओं को सफल होने के लिए सही कौशल से लैस करें: नायडू
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू ने नागरिकों के लिए सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और उन्हें समय पर वितरण सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही उन्होंने सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने की भी बात कही। उन्होंने नागरिक सेवाओं के वितरण के मौजूदा मॉडलों की समीक्षा करने और बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले जिलों से अच्छी प्रथाओं का अनुकरण करने का आह्वान किया।
सरकारी कार्यक्रमों के लिए वितरण के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री नायडू ने कहा, ‘गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की समय पर वितरण सुनिश्चित किए बिना सुधार का कोई मतलब नहीं है।’ उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) को भारत में प्रशासनिक बदलाव के सफर में निर्णायक क्षण करार दिया।
श्री नायडू ने समावेशीकरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इस बात पर जोर दिया कि विकास कार्यक्रमों का लाभ समाज के सभी वर्गों, विशेष तौर पर सबसे कमजोर और हाशिए पर मौजूद लोगों तक पहुंचना चाहिए। इस संदर्भ में उन्होंने पिछड़े क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए आकांक्षी जिला कार्यक्रम जैसी उल्लेखनीय योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने 2024 तक लगभग 20 करोड़ घरों में नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने संबंधी महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सरकार की सराहना की।
उपराष्ट्रपति ने आज उपराष्ट्रपति निवास में ‘एक्सेलरेटिंग इंडिया: 7 इयर्स ऑफ मोदी गवर्नमेंट’ पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा कि भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है और यह आम लोगों को ‘सम्मानजनक जीवन’ जीने के संवैधानिक वादे की प्रगति का मूल्यांकन करने का भी समय है। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति या समुदाय के खिलाफ भेदभाव किए बिना सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार एक ऐसा संकल्प है जिसे हमने अपने गणतंत्र की शुरुआत में खुद के लिए किया है और इसे हमेशा बरकरार रखा जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार के लिए कौशल और अवसरों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सुझाव दिया कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ हमें अपने युवाओं को सफलता हासिल करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं को कुशल बनाने और उनकी रोजगार क्षमता को बेहतर करने के लिए उन्हें नवीनतम तकनीकों से अवगत कराने के लिए सरकार के प्रयासों का पूरक बनने के लिए निजी क्षेत्र से आह्वान किया।
नायडू ने एक समर्पित कौशल विकास मंत्रालय बनाने के लिए सरकार की सराहना करते हुए खुशी जताई कि उद्योग जगत के नेता सीएसआर फंड और गैर-सरकारी संगठनों के जरिये कौशल विकास में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि प्रत्येक उद्योग में प्रशिक्षुओं और कर्मचारियों को कुशल बनाने के लिए एक ‘कौशल विकास केंद्र’ होना चाहिए।