कांग्रेस का हर कार्यकर्ता देशवासियों की मदद के लिए तैयार: सोनिया

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के खिलाफ जारी देशव्यापी जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर आदेश का लोगों ने पूरी तरह से पालन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश को संबोधन से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देशवासियों के लिए अपना वीडियो संदेश जारी किया है। इस संदेश में सोनिया गांधी ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की। साथ ही कोरोना फाइटर्स की तारीफ भी की।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता देशवासियों की मदद के लिए तैयार है। सोनिया ने अपने संबोधन वो तमाम बातें कहीं है, वही सारी बातें पीएम मोदी अभी तक करते रहे हैं। सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस कोरोना महामारी संकट के दौरान आप सब अपने-अपने घरों में सुरक्षित होंगे। सबसे पहले मैं इस संकट के समय में भी शांति, धैर्य और संयम बनाए रखने के लिए सभी देशवासियों को दिल से धन्यवाद करती हूं।

उम्मीद करती हूं कि आप सभी लॉकडाउन का पूरी तरह पालन कर रहे होंगे और अपने-अपने घरों में रहें। समय-समय पर अपने हाथ धोते रहें। बहुत ज्यादा जरूरी होने पर ही घर के बाहर कदम रखें और वो भी मास्क, चुन्नी या गमछा लगाकर। आप सभी इस लड़ाई में सहयोग करें। सोनिया गांधी ने कहा, ‘आज कोरोना के इस संकट से निपटने में आप सभी का इस लड़ाई में खड़े रहने से बड़ी देशभक्ति और क्या हो सकती है। हम इस मुश्किल समय में आपके परिवार जनों, पति-पत्नी-बच्चों, माता-पिता के त्याग और बलिदान को कभी नहीं भूल सकते। कांग्रेस अध्यक्ष ने कोरोना योद्धाओं का भी सम्मान करने की अपील की है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को 4 बार पत्र लिखकर कोरोना के संकट में समर्थन करने का भरोसा दिया और सुझाव भी दे चुकी हैं। सोनिया गांधी की चिट्ठी के बाद पार्टी ने अपने मुख्यमंत्रियों को अलग से भी मैदान में उतार दिया।

कांग्रेस मुख्यमंत्रियों ने मीडिया में आगे आकर यह सियासी संदेश देने की कोशिश करनी शुरू कर दी कि कोरोना विरोधी लड़ाई में बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में वो ज्यादा काम कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ शनिवार को हुए मुख्यमंत्रियों के संवाद में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बेहद मुखर थे।

कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलौत, भूपेश बघेल, और सहयोगी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और हेमंत सोरेन ने राज्यों के अधिकारों और आर्थिक हिस्सेदारी को लेकर केंद्र के सामने खुलकर अपनी बात रखी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्र सरकार से राज्य के लिए ज्यादा वित्तीय सहायता का अनुरोध किया।