चारा घोटालाः लालू प्रसाद समेत 75 दोषी करार, 24 आरोपी साक्ष्य के आरोप में बरी

रांची। अरबों रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले में डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये अवैध निकासी से जुड़े आरसीए 47ए/96 मामले में मंगलवार को CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया, जबकि मामले में 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।
CBI के अधिवक्ता बीएमपी सिंह ने स्पेशल कोर्ट के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रांची CBI की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने भादवि की धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471, 477 ए और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं 13 (2) आरडब्ल्यू 13(1) सी-डी के तहत लालू प्रसाद समेत 75 आरोपियों को दोषी करार दिया। 75 में से 34 आरोपियों को तीन सा उससे कम की सजा हुई है, जिसके बाद उन्हें जमानत के लिए बेल बॉण्ड भरने को कहा गया है। वहीं लालू प्रसाद समेत 41 अभियुक्तयों के सजा के बिन्दुओं पर 21 को सुनवाई होगी।

CBI के अधिवक्ता ने बताया कि इस मामले में कुल 170 लोगों के खिलाफ चार्जशीट किया गया था, जिसमें सुनवाई के दौरान 55 आरोपियों का निधन हो गया, 8 आरोपी सरकारी गवाह बन गये, दो सुनवाई के पहले ही सजा स्वीकार कर लिया, 8 आरोपी आज तक लापता है।

वहीं आज 24 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया, 34 को 3 साल से कम की सजा मिली है और दोषी करार दिये लालू प्रसाद समेत 41 अभियुक्तों को सजा के बिन्दुओं पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी। आज जिन दो राजनेताओं को दोषी करार देने के साथ तीन साल की सजा सुनायी गयी, उसवमें धु्रव भगत और पूर्व विधायक एवं पूर्व सांसद जगदीश शर्मा शामिल है।

डोरंडा कोषागार से हुई थी 139.35 करोड़ की अवैध निकासी
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। मामले में शुरुआत में 170 आरोपी थे, इसमें से 55 आरोपियों की मौत हो गयी। दीपेश चांडक और आरके दास समेत सात आरोपियों को सीबीआई ने गवाह बनाया। जिसमें सुशील झा और पीके जायसवाल ने निर्णय पूर्व दोष स्वीकार कर लिया। मामले में 8 आरोपी फरार है।

इस हाईप्रोफाइल मामले में लालू प्रसाद के अलावा पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ0 आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष धु्रव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेक जूलियस, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ0 केएम प्रसाद सहित 99 आरोपियां के खिलाफ फैसला आया। मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 575 गवाहों की गवाही दर्ज करायी गयी। बचाव पक्ष की ओर से 25 गवाह पेश किये हैं।