धर्म परिवर्तन केस में विदेशों से हुई फंडिंग, उमर गौतम के बिलाल फिलिप के साथ जुड़े तार!

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन केस को लेकर हर रोज नए चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। यूपी और दूसरे राज्यों में हो रहे धर्म परिवर्तन के मामलों में भी ‘विदेशी मास्टरमाइंड का कनेक्शन सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर के तार कतर के सबसे बड़े धर्म परिवर्तन कराने वाले इंटरनेशनल मास्टरमाइंड बिलाल फिलिप के साथ जुड़े हैं।

बिलाल फिलिप भारत के भगौड़े जाकिर नाइक का सहयोगी रहा है। जांच में खुलासा हुआ है कि जाकिर नाइक के सहयोगी बिलाल फिलिप से उमर गौतम साल 2006 में दोहा में मिला था। उमर गौतम और बिलाल फिलिप ने इस्लामिक एजुकेशन के लिए एक एमओयू भी साइन किया था। उमर गौतम के संबंध पीएफआई, जमात-ए-इस्लामी हिंद, तबलीगी जमात के साथ ही वहदात-ए-इस्लामी से भी बताए जा रहे हैं। जांच एजेंसियां इसकी विस्तृत जांच में जुटी हैं।

सूत्रों की माने तब विदेश में बैठे धर्म परिवर्तन के मास्टरमाइंड बिलाल फिलिप ने एक दर्ज से ज्यादा भारतीयों को आईएस में रेडिकलाइजेशन कर ऑनलाइन भर्ती किया था। गौरतलब है कि अबू अमेना बिलाल फिलिप का जन्म 1946 में हुआ था। फिलिप इस्लामिक प्रीचर, इस्लामिक ऑनलाइन विश्वविद्यालय का संस्थापक और चांसलर है जो कतर में हैं। बिलाल फिलिप के पास कनाडा की नागरिकता भी है। उसका असली नाम डेनिस ब्रैडली फिलिप्स है। फिलिप कई दफे जाकिर नाइक के स्वामित्व वाले पीस टीवी पर भी नजर आता है।

वह खुद को एक सलाफी मानता है,जो इस्लाम के पारंपरिक और शाब्दिक रूप की वकालत करता है। चरमपंथी विचारों के कारण यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क और केन्या ने अपने देश में फिलिप के प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जर्मनी में भी फिर से उसके प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उससे बांग्लादेश छोड़ने को भी कहा जा चुका है।लोगों को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाने और भर्ती करने के लिए फिलिप को फिलीपींस में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

उमर गौतम तक हवाला के जरिए विदेशों से फंड पहुंचाया जा रहा था।उमर तक गल्फ रूट से हवाला के जरिए पैसा भेजा जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक उमर गौतम के एचएसबीसी अकाउंट में 1.5 करोड़ रुपये हवाला के जरिए आए। गल्फ रुट से पैसा उमर गौतम के पास चांदनी चौक के हवाला रैकेट के जरिए पहुंचा था। ये पैसा कतर, दुबई, कुवैत और टर्की के जरिए उमर तक पहुंचा था।