जब से मोदी सरकार बनी है तब से दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के लिए ढेर सारा काम किया: गृहमंत्री शाह
नई दिल्ली/मिर्ज़ापुर। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में मिर्ज़ापुर में मॉं विंध्यवासिनी कॉरिडोर परियोजना का शिलान्यास किया। श्री शाह ने विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री श्रीमती अनुराधा पटेल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। अमित शाह ने कहा किउत्तर प्रदेश को यह यश जाता है कि उसने 2014 में केन्द्र में पहली बार उनकी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई।उत्तर प्रदेश ने ही सर्वाधिक सीटों के साथ देशभर में 300 से अधिक सीटों से उनकी पार्टी की सरकार बनायी और इसी उत्तर प्रदेश को इस बात का यश जाता है उसने 2019 में एक बार फिर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया। इसलिए मोदीजी भी उत्तर प्रदेश से ही सांसद बनकर देश की संसद में जाते हैं।मोदी जी जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के लोगों की अपेक्षा और ज़रूरत क्या है और प्रदेश को कैसे आगे बढ़ाना है।
अमित शाह ने कहा कि आपके ही आशीर्वाद से 2014 और 2019 में आपने जो पूर्ण बहुमत दिया उसके आधार पर आज मैं गर्व से यह कह सकता हूँ कि 550 साल से हम जो संघर्ष कर रहे थे कि अयोध्या मे राम मंदिर कब बनेगा मोदी जी ने अब इसके लिए एक ट्रस्ट न्यास की स्थापना कर दी है। कुछ ही समय में अयोध्या में आकाश को छूने वाले रामलला के भव्य मंदिर की शुरुआत होगी। शाह ने कहा किउत्तर प्रदेश में पहले कुंभ में अव्यवस्थाएँ होती थी जिससे कई बार हादसे हो जाते थे।आज योगी जी की सरकार ने कुंभ को सुरक्षित बना दिया है। अमित शाह ने कहा कि उन्होंने बचपन से कई कुंभ देखे हैं पर प्रयागराज जैसा भव्य कुंभ और व्यवस्था कहीं नहीं देखी।उन्होंने कहा कि पहले बाबाविश्वनाथ का दरबार देखकर मन उदास हो जाता था लेकिन आज मैं कहता हूँ कि बाबा का भव्य दरबार देखने का सौभाग्य हम सबको मिलेगा।
किसी भी श्रद्धालु को जब बाबा का जलाभिषेक करना होगा तो उसे घुमकर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगा ऐसे निर्माण की शुरुआत होगी।गृह मंत्री ने कहा कि चाहे ब्रज या चित्रकूट का विकास हो या फिर अयोध्या का दीपोत्सव हो योगी सरकार ने इन्हें पुनर्जीवित करके लोगों की वर्षों से अधूरी इच्छा की पूर्ति की है। अमित शाह ने कहा कि पहले लोगों के मन में कई बार सवाल उठता था कि सरकार किसकी है, यह हमारी क्यों नहीं सुनती, क्यों हमारी आस्थाओं का सम्मान नहीं होता।क्योंविंध्यवासिनी में भव्य कॉरिडोर नहीं बनता और जो वृद्ध हैं उनके लिए रोपवे की व्यवस्था क्यों नहीं होती।ऊपर चढ़ने की व्यवस्था न होने से तीनों माताओं का दर्शन नहीं पाता था जिससे बुजुर्ग लोगों कि यात्रा पूरी नहीं होती थी। आज मॉं विंध्यवासिनी कॉरिडोर का शिलान्यास और रोपवे के लोकार्पण होने से अब किसी श्रवण कुमार को अपने बूढ़े माता पिता को कांवड में लाने की आवश्यकता नहीं है वह रोपवे से उन्हें त्रिकोण परिक्रमा पूरी करा सकता है।