देसी टीका की मांग में आई कमी, 16 राज्यों को नहीं मिली स्वदेशी टीका की एक भी खुराक

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस के स्वदेशी टीका को लेकर हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार के सवाल उठाने के बाद सोशल मीडिया पर केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों के बीच बहस छिड़ गई है। वहीं, देसी टीका की मांग काफी कम दिखाई दे रही है। 16 राज्यों में अब तक स्वदेशी टीका की एक भी खुराक उपलब्ध नहीं हो पाई है। विदेशों से भी कोवाक्सिन से ज्यादा कोविशील्ड भेजने की मांग आ रही है।

भारत ने 20 देशों में 1.67 करोड़ खुराक भेजने की तैयारी की है। इसमें 13 देशों को बतौर तोहफा 64.7 लाख खुराक भेजी गई है। जबकि 1.05 करोड़ खुराक को व्यावसायिक रुप से बेचा जा रहा है। अब तक भेजे गए टीके में केवल दो लाख खुराक कोवाक्सिन की शामिल हैं। वहीं देश में 9 फरवरी तक कोवाक्सिन और कोविशील्ड टीका की 2.15 करोड़ खुराक राज्यों को दी जा चुकी हैं। इनमें 1.89 करोड़ कोविशील्ड टीका की खुराक शामिल हैं।

शनिवार तक देश में 82 लाख लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें से कोवाक्सिन की खुराक करीब 3 लाख लोगों को मिली है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस देव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिख कोवाक्सिन टीका नहीं भेजने का आग्रह किया था। उनका कहना है कि इसका परीक्षण अभी तीसरे चरण में है। इसके जवाब में हर्षवर्धन ने भी पत्र लिख कर स्वदेशी टीका को बेहतर बताया है।

साथ ही अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा था। कोवाक्सिन के परीक्षण से जुड़े दिल्ली एम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि 25,800 लोगों का पंजीयन करने के बाद दो-दो डोज दी जा चुकी हैं। अब 14 दिन के अंतराल के बाद यह देखा जा रहा है कि जिन्हें टीका लगाया गया, क्या उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ या नहीं? 

  • इन राज्यों को नहीं मिला टीका
    अंडमान निकोबार, अरुणांचल प्रदेश, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादर नागर हवेली, दमन व दीव, गोवा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, केरल, लद्दाख, लक्षद्वीप, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पांडिचेरी, पंजाब, सिक्किम, त्रिपुरा और उत्तराखंड में कोवाक्सिन की एक भी डोज नहीं भेजी गई है।