भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ जीरो टॉलरेस की नीति अपनाएगा मंत्रालय: रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव
नई दिल्ली। केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ मंत्रालय जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। केंद्रीय मंत्री ने पहली बार महाप्रबंधकों व रेल मंडल प्रबंधकों के साथ चार घंटे चली ऑनलाइन मैराथन बैठक में कहा कि अगर कोई भ्रष्टाचारी है तो उसे वह खुद जेल भेजेंगे और अगर कोई बेकसूर है तो उसका साथ देंगे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा व संरक्षा में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी।
सुरक्षा व संरक्षा के मामले में सिर्फ यह कह देना कि ‘चलता है’ तो फिर उस अधिकारी की खैर नहीं। रेलमंत्री ने कहा कि संरक्षा में गड़बड़ी हो सकती है। लेकिन जानबूझकर की गई भूल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अपने स्तर पर कोई भी विभाग बेहतर काम करता है कि वह रात के साढ़े तीन बजे भी फोन कर सकता है। उद्देश्य बेहतर होना चाहिए।
रेलमंत्री ने स्पष्ट किया कि अगले 3 साल में इस तरह से रेलवे को काम करना है कि पेंशनधारियों को पेंशन मिलता रहे, क्योंकि 18 लाख पेंशनरों को पेंशन देना भी रेलवे के लिए चुनौती है। यह चुनौती तभी सफल होगी जब रेलवे का आय बढ़ेगा और माल लदान में एक छटांक अनाज समेत अन्य चीजों पर नजर रहेगी।
भारतीय रेल मोदी सरकार की नीतियों पर दौड़ेगी। ‘राष्ट्र प्रथम’, ‘कोई भी समाज में नहीं पिछड़े (अंत्योदय)’ और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के रथ को आगे बढ़ाने की सोच के साथ चलेगी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे के लिए समरसता बेहद आवश्यक है।
सभी तबके के समान विकास का ध्यान रखा जाएगा। रेल जाति-पंथ को लेकर नहीं चलेगी। राष्ट्रहित में निर्णय लिया जाएगा, ताकि समाज के सबसे निचले तबके का विकास हो और उनकी हिस्सेदारी बढ़े।