इंडिया में भी लगेगी मिक्स वैक्सीन

Sputnik V Vaccine

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को एक और अच्छी खबर मिलती दिख रही है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीकों की मिश्रित खुराकों पर अध्ययन के परिणाम सुकून देने वाले हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्सिंग और मैचिंग स्टडी में बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं।

अध्ययन में इन दोनों वैक्सीन के मिलाने से यह न सिर्फ वायरस के खिलाफ सुरक्षित पाया गया, बल्कि इससे बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी प्राप्त हुई। माना जा रहा है कि अगर स्टडी की फाइनल रिपोर्ट में परिणाम बेहतर मिलते हैं और सरकार अगर कोवैक्सीन और कोविशील्ड मिश्रित खुराकों को मंजूरी देती है तो कोरोना वायरसे खिलाफ टीकाकरण अभियान में इसका सकारात्मक असर दिखेगा।

दरअसल, बीते दिनों भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने इस बात की सिफारिश की थी कि वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) को कोविड-19 के दो टीकों कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिश्रण के क्लिनिकल परीक्षण की इजाजत दी जाए। जिसके बाद इसकी मंजूरी मिली थी। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में भारत को एक और अच्छी खबर मिलती दिख रही है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड टीकों की मिश्रित खुराकों पर अध्ययन के परिणाम सुकून देने वाले हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कहा है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड की मिक्सिंग और मैचिंग स्टडी में बेहतर परिणाम देखने को मिले हैं। अध्ययन में इन दोनों वैक्सीन के मिलाने से यह न सिर्फ वायरस के खिलाफ सुरक्षित पाया गया, बल्कि इससे बेहतर इम्युनोजेनेसिटी भी प्राप्त हुई। माना जा रहा है कि अगर स्टडी की फाइनल रिपोर्ट में परिणाम बेहतर मिलते हैं और सरकार अगर कोवैक्सीन और कोविशील्ड मिश्रित खुराकों को मंजूरी देती है तो कोरोना वायरसे खिलाफ टीकाकरण अभियान में इसका सकारात्मक असर दिखेगा।

दरअसल, बीते दिनों भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने इस बात की सिफारिश की थी कि वेल्लोर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) को कोविड-19 के दो टीकों कोवैक्सीन और कोविशील्ड के मिश्रण के क्लिनिकल परीक्षण की इजाजत दी जाए। जिसके बाद इसकी मंजूरी मिली थी।

सूत्र की मानें तो अध्ययन का मकसद यह पता लगाना है कि क्या एक शख्स के पूर्ण टीकाकरण के लिए दो अलग-अलग टीकों की खुराकें लगाई जा सकती हैं यानी, एक टीका कोवैक्सीन का लगा दिया जाए और दूसरा टीका कोविशील्ड का लगाया जाए। बायोलोजिकल-ई द्वारा पांच से 17 साल के उम्र की आबादी पर अपने कोविड-19 टीके का दूसरे/तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण करने के लिए दिए आवेदन पर भी चर्चा की।