RSS Chief: इजरायल-हमास के बीच युद्ध पर क्या बोले मोहन भागवत, जानिए राम मंदिर पर क्या कहा

मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर भी बात की और कहा कि, दुनिया धार्मिक संप्रदायवाद से उत्पन्न कट्टरता, अहंकार और उन्माद के संकट का सामना कर रही है.

Mohan Bhagwat Says Israel Hamas War: नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया है. भागवत ने कहा कि यूक्रेन या गाजा पट्टी (Ukraine Gaza Strip) में संघर्ष जैसी घटनाओं का समाधान दुष्प्राप्य बना हुआ है.

मोहन भागवत ने कहा, ‘भारत की पहचान और हिंदू समाज की अस्मिता को सुरक्षित रखने की इच्छा स्वाभाविक है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि संकटग्रस्त दुनिया भारत से यह उम्मीद करती है कि वह विश्व की समसामयिक आवश्यकताओं और चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने मूल सिद्धांतों पर आधारित एक नए दृष्टिकोण के साथ उभरेगा.

मोहन भागवत ने मणिपुर हिंसा पर भी बात की और कहा कि, दुनिया धार्मिक संप्रदायवाद से उत्पन्न कट्टरता, अहंकार और उन्माद के संकट का सामना कर रही है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन या गाजा पट्टी में संघर्ष जैसी घटनाएं, जो हितों के टकराव और उग्रवाद के कारण होती हैं, उनका समाधान दुष्प्राप्य बना हुआ है. भागवत ने कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी. उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए बाहरी ताकतों को कसूरवार ठहराया.

भागवत ने सवाल किया, मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं. यह एक सीमावर्ती राज्य है. इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? बाहरी ताकतों को भी फायदा मिलता है. वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे?” भागवत ने आरोप लगाया कि तथाकथित सांस्कृतिक मार्क्सवादी और जागरुक तत्व देश की शिक्षा एवं संस्कृति को बरबाद करने के लिए मीडिया तथा शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं.

भागवत ने राम मंदिर पर क्या कहा
मोहन भागवत ने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी और इस अवसर पर जश्न मनाने के लिए लोग देशभर के मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करें. मणिपुर के हालात पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर में थे. वास्तव में संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? यह (हिंसा) हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है.

उन्होंने सवाल किया, ‘मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने में किन विदेशी ताकतों की दिलचस्पी हो सकती है? क्या इन घटनाक्रमों में दक्षिण-पूर्व एशिया की भूराजनीति की भी कोई भूमिका है? जब शांति बहाल होती नजर आती है, तब कोई न कोई घटना घट जाती है. इससे समुदायों के बीच दूरियां बढ़ती हैं. जो लोग ऐसी हरकतों में शामिल हैं, उनके पीछे कौन है? हिंसा कौन भड़का रहा है?’