वैक्सीन लगवाने के बाद 72 नहीं 28 दिन होनी चाहिए मॉनिटरिंग

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। इस बीच लोगों को महामारी के कहर से बचाने के लिए कोविड टीकाकरण अभियान को तेज किया है। वैक्सीनेशन को लेकर शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि सभी राज्यों को कोविड टीका लगवा चुके लोगों की मॉनिटरिंग की अवधि को बढ़ाकर 28 दिन कर देना चाहिए। 

राष्ट्रीय स्तर पर बनी ‘एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन’ (एईएफआई) के सदस्य डॉ. एनके अरोड़ा का कहना है कि स्वदेशी कोविड वैक्सीन के साथ ही अब बाजार में कई अन्य वैक्सीन आने के लिए तैयार हैं। ऐसे में वैक्सीनेशन के बाद साइड इफेक्ट्स की मॉनिटरिंग अवधि को बढ़ाया जाना चाहिए। 

एईएफआई के सदस्य डॉ.अरोड़ा ने कहा कि सभी राज्यों को सीधे लोकल अथॉरिटी से संपर्क कर ऐसी व्यवस्था तैयार करनी चाहिए, जिससे वैक्सीन लगवा चुके लोगों की 28 दिन की साइड इफेक्ट्स से जुड़ी जानकारी मिल सके। इस व्यवस्था से जुड़े लोग सरकार के साथ ही निजी सेंटर से जुड़ी जानकारी भी हासिल कर सकें और इसे कोविन वेबसाइट पर अपडेट किया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी वैक्सीन नई हैं और इनसे जुड़े साइड इफेक्ट की जानकारी के लिए अधिक से अधिक फॉलोअप की जरूरत है।

कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 5 तरह के गंभीर परिणाम सामने आते हैं। इनमें वैक्सीन प्रोडक्ट रिलेटेड रिएक्शन, वैक्सीन क्वालिटी डिफेक्टेड रिएक्शन, इम्यूनाइजेशन एरर, इम्यूनाइजेशन एंग्जाइटी-रिलेटेड रिएक्शन और संयोग से जुड़ी घटना शामिल है। बता दें कि ‘नेशनल एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन’ कमेटी यह सुनिश्चित करती है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति को किस तरह का साइड इफेक्ट्स हुआ है।

डॉ.अरोड़ा का कहना है कि कोविड वैक्सीन लगवा चुके लोगों की मॉनिटरिंग से जुड़ा डाटा जल्द ही पब्लिक पोर्टल पर उपलब्ध होगा। ये ऐसा कदम होगा, जिसकी मांग सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ कर रहे हैं। अब तक वैक्सीन लगवा चुके सात करोड़ लोगों की मॉनिटरिंग पूरी की जा चुकी है। इनमें से 0.5 फीसदी से भी कम में वैक्सीनेशन के बाद गंभीर साइड-इफेक्ट्स के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। इससे जुड़े आंकड़े जल्द सामने आ जाएंगे।