देश में अब भी डरे हुए हैं मुसलमान: हामिद अंसारी
नई दिल्ली। देश के उपराष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी ने एक बार फिर कहा है कि भारत के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है। साथ ही यह भी कहा कि सेक्युलिरज्म अब सरकार के शब्दकोष में नहीं है, जोकि 2014 से पहले तक मौजूद था। हाल ही में आई नई किताब बाइ मेनी अ हैपी ऐक्सिटेंड को लेकर फिर सुर्खियों में आए हामिद अंसारी ने कुछ अन्य सवालों के जवाब में यह माना कि लिंचिंग दूसरे धर्म के लोगों की भी हुई है, लेकिन इस दौरान एंकर के सवालों से वह इस कदर नाराज हुए कि अचानक हामिद अंसारी ने यह भी आरोप लगाया कि यूपी में लोगों को धर्म के आधार पर जेल में बंद किया जा रहा है।
पूर्व उपराष्ट्रपति से पूछा गया था कि कार्यकाल के आखिरी समय में नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु में आपने कहा था कि मुसलमानों में असुरक्षा और बेचैनी है? क्या यह अब भी जारी है? इसके जवाब में पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा क्योंकि अब मेरे पास और कोई काम नहीं है, यह अब भी हो रहा है।
जब पब्लिक लिंचिंग होती है तो उसका क्या होता है जब उनसे पूछा गया कि उन्हें ऐसा क्यों लगता है तो उन्होंने कहा जब यूपी में लोगों को बंद किया जा रहा है। किसी पर लव जेहाद है किसी पर ट्रिपल तलाक है। ट्रिपल तलाक कभी धार्मिक मान्यता प्राप्त नहीं था, यह सामाजिक बुराई थी। इसके खिलाफ कानून बना यह ठीक है, लेकिन इसे लागू किस तरह किया जा रहा है।”
पूर्व उपराष्ट्रपति से कई बार यह सवाल किया गया कि वह ऐसा क्यों मानते हैं कि मुसलमानों में असुरक्षा की भावना है तो उन्होंने कहा कि पर्सेप्शन यही है। काउंटर सवालों पर हामिद अंसारी बेहद नाराज हो गए और उन्होंने कहा कि आपकी मानसिकता खराब है।
उन्होंने कहा कि मैंने आपको बुलाया नहीं था। आप आए क्यों? क्या आपको कोई निमंत्रण भेजा था? मुसलमान खुद को देश में असुरक्षित महसूस करते हैं तो उन्होंने कहा कि लिंचिंग की वजह से ऐसा हो रहा है। एंकर ने कहा कि लिंचिंग तो हिंदुओं की भी होती है और यह कानून व्यवस्था का मामला है तो पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि आम नागरिकों में भी कई बार असुरक्षा होती है।