Bihar Caste Survey: लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में आए जातिगत सर्वे ने मचाया राजनीतिक घमासान
बिहार सरकार की ओर से राज्य के जाति सर्वे के आंकड़े काफी अहम है. ये ऐसे समय जारी किए हैं, जब लोकसभा चुनाव 2024 में लगभग 8 महीने का समय बाकि है.
Bihar Caste Survey Report: बिहार की नीतीश कुमार सरकार की तरफ से सोमवार को राज्य के जातिगत सर्वे के आंकड़े (Bihar Caste Survey) जारी किए गए है. आंकड़े आते ही बिहार सहित पूरे देश में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की 13.07 करोड़ से कुछ ज्यादा की आबादी में सबसे ज्यादा संख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) और दूसरे नंबर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की हैं. इन दोनों को मिलाकर कुल आबादी में इनकी हिस्सेदारी 63 फीसदी है.
क्या कहते है आंकड़े
बिहार के विकास आयुक्त विवेक सिंह की ओर जारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य की कुल आबादी में सबसे ज्यादा ईबीसी (36 प्रतिशत) की हिस्सेदारी है, इसके बाद ओबीसी (27.13 प्रतिशत) है. ओबीसी में आने वाला यादव समुदाय बिहार की आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा समुदाय है. प्रदेश में कुल 14.27 प्रतिशत यादव हैं. अनुसूचित जाति की आबादी 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति की आबादी लगभग 22 लाख (1.68 प्रतिशत) है.
वहीं, अनारक्षित श्रेणी से संबंधित लोग राज्य की कुल आबादी का 15.52 प्रतिशत हैं. राज्य में हिंदू समुदाय कुल आबादी का 81.99 प्रतिशत है जबकि मुस्लिम समुदाय 17.70 प्रतिशत है. ईसाई, सिख, जैन और अन्य धर्मों का पालन करने वालों के साथ-साथ किसी धर्म को न मानने वालों की भी बहुत कम उपस्थिति है, जो कुल आबादी का 1 प्रतिशत से भी कम है.
ये आंकड़े अहम
बिहार सरकार की ओर से राज्य के जाति सर्वे के आंकड़े काफी अहम है. ये ऐसे समय जारी किए हैं, जब लोकसभा चुनाव 2024 में लगभग 8 महीने का समय बाकि है. बिहार सरकार हो या कांग्रेस, उनके नेताओं की ओर से यह आवाज उठाई जा रही है कि जिस जाति की जितनी आबादी है, उसे उतना हक मिले. लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ इखट्टा हुआ विपक्ष इस सर्वे के आंकड़ों को एनडीए के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हुए जनता का ध्यान अपने पाले में खींचने से जोर देगा. इसी वजह से लोकसभा चुनाव से पहले ये आंकड़े जारी हुए हैं.