अब संभालकर Whatsapp पर डाले Status नहीं तो हो सकती परेशानी

Whatsapp Status: अगर आपको वॉट्सएप पर स्टेटस लगाने का शौक हैं, तब ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है, आपको जरा संभलकर ये काम करना होगा. यह बात बॉम्बे हाई कोर्ट ने मामले में एक याचिका खारिज कर कही है। हाई कोर्ट ने अत्याचार अधिनियम के तहत वाशिम के एक व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी।

बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने वॉट्सएप पर स्टेटस अपलोड करते वक्त जिम्मेदारी से व्यवहार करने की अपील की। हाई कोर्ट ने कहा कि स्टेटस लगाने के 24 घंटे बाद गायब होता है, लेकिन उससे लोगों पर पड़ने वाला असर खासा मायने रखता है।
न्यायाधीश विनय जोशी और वाल्मिकी मेनेजेस की खंडपीठ ने कहा, वॉट्सएप स्टेटस का मकसद अपने मिलने वालों को कुछ बताना होता है। यह और कुछ नहीं बल्कि परिचित व्यक्तियों के साथ संचार का एक तरीका है। कोई प्रतिक्रिया पाने के लिए स्टेटस डालता है, तब अधिकांश लोग होते हैं जो चाहते हैं कि लोग उन्हें सपोर्ट करें।

आजकल लोग समय-समय पर वॉट्सएप स्टेटस चेक करते रहते हैं। किसी को दूसरों को कुछ बताते वक्त जिम्मेदारी की भावना के साथ व्यवहार करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड की जांच करने से पता लगता है कि शिकायतकर्ता को मिले परिणाम याचिकाकर्ता के व्हाट्सएप स्टेटस पर गूगल सर्च के मुताबिक थे।

27 वर्षीय याचिकाकर्ता किशोर लांडकर के खिलाफ 23 मार्च को एक शिकायत दर्ज की गई थी। किशोर ने एक वॉट्सएप स्टेटस डाला था, जहां उन्होंने गूगल पर खोजे जाने के लिए एक सवाल पूछा था। उन्होंने दावा किया था कि गूगल पर उनकी पोस्ट सर्च करने वाले को चौंकाने वाला रिजल्ट मिलेगा।

जब शिकायतकर्ता गणेश भगत ने गूगल पर लांडकर के डाले गए स्टेटस के बारे में खोजा, तब उन्होंने एक विशेष वर्ग की धार्मिक भावना को अपमानित करने वाली आपत्तिजनक सामग्री देखी और इसके बाद उन्होंने वाशिम के मंगरुलपीर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।