कोरोना के मरे व्यक्ति को बिना नहलाएं करे अंतिम संस्कार!
नई दिल्ली। स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 से मरने वालों के पोस्टमार्टम से लेकर अंतिम संस्कार तक की गाइडलाइन जारी की है। इसे सभी अस्पतालों को भेजकर सख्ती से पालन करने को कहा गया है। इसमें आम लोगों को सख्त निर्देश हैं कि वे व्यक्ति के चेहरे के अलावा कोई भाग नहीं देख सकते। इसके अलावा मृत शरीर को नहलाया नहीं जाएगा। गले लगाना या माथा चूमने की भी सख्त मनाही है क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है।
कोविड-19 का प्रसार मुख्यतः ड्रॉपलेट (बूंदों से, जो कि खांसते-छींकते समय ज्यादा रहता है) से ही फैलता है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मचारियों को ग्लव्स, मास्क, चश्मा, किट आदि पहनकर ही मृत शरीर को छूना होगा। शव को कीटाणुरहित लीक न होने वाले बैग या लिनन आदि में ही रखना है। कैथेटर, ट्यूब, ड्रेनेज, कैनुला आदि चिकित्सीय उपकरणों को एक फीसदी हाइपोक्लोराइट आदि से विसंक्रमित करना और सुरक्षित रखना या डिस्पोज करना है।
मृत शरीर के तरल रिसाव वाले छिद्र (नाक, मुंह व कान आदि) को सबसे पहले बंद कर देना है। अस्पताल के चादर, गद्दा आदि को सुरक्षित रखकर साफ कराना या डिस्पोज करना होगा। फर्श, टेबिल, बेड के हत्थे आदि खुले स्थान को सोडियम हाइपोक्लोराइट से साफ करके 30-40 मिनट खुले में रखना होगा। शव को 4 डिग्री से। पर सुरक्षित तरीके से फ्रिज में रखना होगा।
शव पर किसी प्रकार का लेप नहीं लगाना है। पीपीई किट पहनकर पोस्टमॉर्टम करना है। पोस्टमॉर्टम के समय प्रयोग उपकरणों व औजारों को सही से विसंक्रमित करना होगा। वहां कम से कम फोरेंसिक विशेषज्ञ व कर्मचारी आदि होने चाहिए। पोस्टमॉर्टम में मुख्य रूप से फेफड़े से नमूना लेते हुए कम एरोसेल जनरेशन सुनिश्चित करना होगा।
शव को परिवारीजनों को सौंपने पर खुले हिस्से को सोडियम हाइपोक्लोराइट से संक्रमण मुक्त करना होगा। शवदाह के दौरान अधिक भीड़ नहीं होनी चाहिए। शवदाह करने वाले कर्मचारियों को कोई विशेष खतरा नहीं है। शवदाह के बाद राख लेने में भी कोई दिक्कत नहीं है। श्मशान गृह के सभी कर्मचारियों और यात्रा में शामिल लोगों को मुंह ढकना और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है।